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शौर्य दिवस पर शहीदों को नमन, सजी हथियारों की प्रदर्शनी

रांची सीआरपीएफ के झारखंड सेक्टर ने मंगलवार को सेक्टर टू स्थित 133 बटालियन परिसर में शौर्य दिवस मनाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:58 AM (IST)
शौर्य दिवस पर शहीदों को नमन, सजी हथियारों की प्रदर्शनी
शौर्य दिवस पर शहीदों को नमन, सजी हथियारों की प्रदर्शनी

रांची : सीआरपीएफ के झारखंड सेक्टर ने मंगलवार को सेक्टर टू स्थित 133 बटालियन परिसर में शौर्य दिवस समारोह आयोजित किया। इस मौके पर शहीदों को नमन किया गया, वहीं उनके परिजनों सम्मानित किया गया। स्कूली बच्चों के लिए हथियारों की प्रदर्शनी, विविध प्रतियोगिताएं, केनाइन शो, ड्रोन शो, बैंड शो आदि का आयोजन किया गया। सीआरपीएफ के शौर्य को बच्चे करीब से जाने। समारोह के अंत में जवानों ने रक्तदान किया। समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड सेक्टर के आइजी संजय आनंद लाटकर ने कहा कि झारखंड सेक्टर के गठन से अब तक 11 साल की अल्प अवधि में सीआरपीएफ ने 179 माओवादियों को मारा, 111 माओवादी आत्मसमर्पण किए और 1888 माओवादी गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा 326 नियमित हथियार, 1333 देसी हथियार, 52514 गोला-बारूद, 3254 आईईडी तथा 25000 किलोग्राम से भी अधिक विस्फोटकों की जब्ती की गई। झारखंड सेक्टर के सीआरपीएफ जवानों को उनकी बहादुरी के लिए अब तक 05 शौर्य चक्र, 193 पीपीएमजी-पीएमजी, 100 पराक्रम पदक, व 1126 महानिदेशक के प्रशसा पत्र भी मिले हैं। देश की सेवा करते हुए अब तक इस महान बल के झारखंड राज्य के 55 जवान सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों जवानों ने अपनी शहादत दी। समारोह में मुख्य अतिथि के अलावा डीआइजी अखिलेश प्रसाद सिंह, डीएस राठौर, मनीष सच्चर, अमित तनेजा, राम सिंह, डीटी बनर्जी, डा. ए. सरकार, 94 बटालियन के कमांडेंट ब्रजेश कुमार, 209 कोबरा बटालियन के कमांडेंट सुरेंद्र कुमार व 133 बटालियन के कमांडेंट संजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। शहीद के परिजन के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाएं : आइजी संजय आनंद लाटकर ने अपने संबोधन में यह घोषणा की कि शहीदों के परिवारों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा राज्य में आम जनता के लिए भी कई कल्याणकारी कार्य किए गए हैं, जिसमें राज्य के सभी जिलों में पौधरोपण, अधिकारियों एवं कार्मिकों का स्वेच्छा से अंगदान करने की शपथ, शहीदों के परिवारों को औधोगिक प्रतिष्ठानों एवं अस्पतालों के माध्यम से गोद लिया जाना शामिल है। शहीदों के सम्मान में उनसे प्रेरणा लेने के लिए उनके गांव या स्कूल में प्रतिमाओं का अनावरण तक किया गया। 2400 यूनिट से अधिक रक्तदान, सुदूर ग्रामीण इलाकों में पुस्तकालय तथा सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत कौशल विकास योजना का क्रियान्वयन व ढाचागत सुविधाओं का निर्माण तथा आजीविका एवं स्वरोजगार के लिए विभिन्न वोकेशनल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया है। इसके अलावा जमशेदपुर स्थित प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान एक्सएलआरआई के एनजीओ सीडस को लगभग 10000 कपड़े जरूरतमंद लोगों को बांटने के लिए उपलब्ध कराया गया। दिया गया सम्मान : शौर्य दिवस पर शहीदों को नमन किया गया। उनके परिजन सम्मानित किए गए। इसके बाद वीरता पदक से अलंकृत अधिकारियों-कर्मियों को भी सम्मानित किया गया। पिछले एक वर्ष में झारखंड में तैनाती के दौरान महत्वपूर्ण कायरें में बेहतर भूमिका निभाने वाले सीआरपीएफ के 03 कर्मियों को पराक्रम पदक, 38 अधिकारियों एवं कर्मियों को महानिदेशक सीआरपीएफ का प्रशसा डिस्क एवं प्रशसा पत्र तथा 47 अधिकारियों एवं कर्मियों को महानिदेशक सीआरपीएफ एवं 02 कार्मिको को पुलिस महानिरीक्षक का प्रशंसा पत्र दिया गया। ..तो इसलिए शौर्य दिवस मनाती है सीआरपीएफ : सीआरपीएफ का शौर्य दिवस एक वीर गाथा से जुड़ा हुआ आयोजन है। इसी दिन सन 1965 मे सीआरपीएफ की द्वितीय बटालियन की चार कंपनियों ने गुजरात के रन ऑफ कच्छ में सरदार एवं टांक पोस्ट पर तैनात थी। आठ व नौ अप्रैल की मध्य रात्रि पाकिस्तानी फोर्स ने हमला कर दिया था। सीआरपीएफ के जवानों की छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी सेना का डटकर मुकाबला किया। इसमें 34 पाकिस्तानी फौजी मारे गए थे, जबकि चार फौजी जीवित पकड़े गए थे। इस हमले में सीआरपीएफ के आठ जवानों ने अपनी शहादत दी थी। सीआरपीएफ ने अपने साहस से पाकिस्तानी फौज को 13 घंटे तक न सिर्फ आगे बढ़ने से रोका, बल्कि उन्हें पीछे हटने पर विवश भी किया। उसके बाद ही नौ अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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