शरद यादव ने दिए संकेत, कुशवाहा के रालोसपा में करेंगे पार्टी का विलय, वसुंधरा राजे से मांगेंगे माफी
Sharad Yadav. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने रालोसपा और लोकतांत्रिक जनता दल के विलय पर कहा कि सही समय का इंतजार करें।
रांची, राज्य ब्यूरो। : लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने एनडीए और मोदी सरकार में शामिल उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के साथ अपनी पार्टी का विलय करने के संकेत दिए हैं। रालोसपा और लोकतांत्रिक जनता दल के विलय की चर्चा के बीच उन्होंने कहा कि सही समय का इंतजार करें। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में वापस आ रही है।
शरद यादव के सुर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में भी बदले नजर आए। रांची में मीडिया से बात करते हुए जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वसुंधरा राजे यदि उनके बयान से अपमानित महसूस कर रही हैं और उन्हें अगर मेरी बात से तकलीफ हुई है तो अफसोस जाहिर करूंगा, माफी भी मांगूंगा। इतना ही नहीं व्यक्तिगत तौर पर मैं उन्हें पत्र भी लिखूंगा।शरद यादव ने अलवर में एक रैली के दौरान वसुंधरा राजे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिस पर वसुंधरा राजे ने कहा था कि शरद यादव ने उनकी नहीं सभी महिलाओं का अपमान किया है।
शरद यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की मौजूदा नीतियों से आहत तमाम विपक्ष गोलबंद है। इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए 20-25 विपक्षी दलों की बैठक 10 दिसंबर को प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि अगर देश को बचाना है तो भाजपा को हटाना होगा। जनहित में सत्ता से उसका जाना जरूरी है। उसकी नीतियां और वादाखिलाफी 2019 में उसके लिए काल साबित होगी। भाजपा के प्रति जनता का आक्रोश भाजपा सरकार को गद्दी से उतारने के लिए काफी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने, किसानों को उनकी उपज की ड्योढ़ा कीमत देने आदि का सब्जबाग दिखाकर भाजपा सत्तासीन हो गई। वादा पूरा करने की बात तो दूर, उसका इकलौता एजेंडा अब सिर्फ देश को बांटना रह गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में भाजपा ने देश को जितना नुकसान पहुंचाया है, जनता ने कभी सोचा भी नहीं होगा।
125 करोड़ जनता को इसने धोखा देने का काम किया है। लालू से लगभग सवा घंटे की मुलाकात के बाद बाहर निकले शरद यादव ने कहा कि महागठबंधन के मसले पर तमाम विपक्ष एक है। झारखंड में भी इसके सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे।