शहीद विजय सोरेंग की पत्नी बोली- आतंकियों से लूंगी बदला
मैं अपने पति सहित 40 लोगों को मौत के घाट उतारने का बदला खुद लूंगी।
राची, जासं : मैं अपने पति सहित 44 लोगों को मौत के घाट उतारने का बदला खुद लूंगी। सरकार मुझे या मेरे बेटे को मौका दे। सरकार मेरे बेटे को सेना में नौकरी दे। यह कहना है कि शहीद विजय सोरेंग की पत्नी कारमेला बा का। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए झारखंड के गुमला निवासी विजय सोरेंग की पत्नी बदला लेना चाहती हैं।
वह कहती हैं कि उन्हें घटना ने इतना आहत किया है कि उनका परिवार ही इन आतंकियों को मारना चाहता है। शहीद की पत्नी कारमेल बा झारखंड सशस्त्र पुलिस-10 (जैप-10)में हवलदार के पद पर पदस्थापित हैं।
अनहोनी की आशंका से तेज हो चली थी धड़कन
उन्होंने बताया कि गुरुवार की शाम में करीब पांच बजे ही उनकी धड़कन तेज हो गई थी। उन्हें महसूस हो रहा था कि कुछ गलत हो रहा है। इस बीच करीब सात बजे उनके साथ ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही ने वाट्सएप देखकर जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले की जानकारी दी।
उन्हें शक हुआ, उनके पति की भी मौत हो चुकी है। तब फोन लगाया, पर संपर्क नहीं हो पाया। फिर उन्होंने अपने बेटे व ससुर से बातचीत की और पता लगाने को कहा। ड्यूटी पूरी कर जब वह बैरक में पहुंचीं, तो ससुर ने कॉल कर बताया कि उनके पति भी आतंकी हमले में नहीं रहे। इसके बाद से वह बेहोश हो गईं। उन्हें वहां मौजूद अन्य महिला सिपाहियों ने किसी तरह संभाला। पूरी रात रोती-बिलखती रही। कभी मोबाइल पर वाट्सएप देखती, तो कभी टीवी चैनल देख रही थीं।
बदहवासी में रात में चाह रही थी निकलना
शहीद की पत्नी कारमेला बा जैप-़10 की ओर से नेपाल हाउस स्थित कंपनी एफ में पोस्टेड हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद वह रात में ही निकलना चाहती थी। बोल रही कि कि उन्हें पति के पास जाने दिया जाए। उन्हें किसी तरह महिला सिपाहियों ने संभाला।
सुबह उनका भतीजा और भाई पहुंचे। दोनों बाइक से लेकर कोकर के तिरिल स्थित सरना टोली में रहने वाले रिश्तेदार के घर पहुंचे। रिश्तेदार के घर पहुंचकर पूरे दिन कारमेला अपने पति के पति के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार करती रहीं।
मौके पर जैप पुलिसकर्मियों का आना-जाना जारी था। जैप महिला बटालियन की अध्यक्ष वर्मिला कच्छप, मंत्री सुषमा लकड़ा सहित अन्य ढाढस बंधाने में जुटे थे।
बेटे को भेजूंगी सेना में, बेटी को बनाउंगी ऑफिसर..
हादसे के बाद भी शहीद की पत्नी कारमेला बा ने हिम्मत नहीं खोया है। कहती हैं कि पति को कायर आतंकवादियों ने मार दिया। लेकिन बड़े बेटे को सेना में ही भेजूंगी। बेटा आतंकवाद का सामना कर उनका सफाया करेगा। छोटे बेटे को भी सेना में भेजूंगी। वहीं बेटी को अफसर बनाऊंगी। शहीद के दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा अरुण बिरसा कॉलेज खूंटी में स्नातक का छात्र है। उससे छोटी बेटी बरखा आठवीं और छोटा बेटा पहली कक्षा में हैं। दोनों छत्तीसगढ़ के एक आवासीय विद्यालय में पढ़ते हैं।
15 दिन पहले ही छुंट्टी बिताकर लौटे थ
शहीद की पत्नी ने बताया कि 15 दिन पहले ही वह छुट्टी बिताकर वापस ड्यूटी पर जम्मू कश्मीर गए थे। वह गुमला और रांची में भी रहे। धुर्वा में एक जमीन खरीदी है, जिस पर घर बनवाना शुरू किया है। घर बनवाने के लिए वे दोबारा छुट्टी की अर्जी देने वाले थे। मंगलवार को आखिरी बार बातचीत हुई थी। लेकिन यह पता नहीं था कि वापस नहीं लौटेंगे और उनका पार्थिव शरीर उनके पास आएगा।
शहीद विजय सोरेंग के परिजनों को सरकार देगी दस लाख और नौकरी
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुलवामा में शहीद हुए गुमला निवासी विजय सोरेंग की शहादत को नमन करते हुए कहा कि उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। मुख्यमंत्री ने शहीद विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख रुपये और परिवार में किसी एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष से ज्यादा समय से पाकिस्तान छद्म आतंकवाद की लड़ाई लड़ रहा है। भारत ने संकल्प लिया है कि जब तक लड़ाई हम जीतेंगे नहीं, तब तक लड़ेंगे। चैन से नहीं बैठेंगे। हमारी सेना हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
शहादत से प्रेरणा लेकर हमें विजय की ओर बढ़ना है। अब आंख में आंसू भरने का समय नहीं है। पुलवामा का बदला हम पाकिस्तान में डंका बजाकर लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीसीएस की बैठक ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत पुलवामा की शहादत बेकार नहीं जाने देगा। कठोर कदम उठाएं जाएंगे।