नंदकिशोर के विजयी मंत्र से भाजपा जाएगी 65 पार, विपक्षी महागठबंधन का होगा बंटाधार
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव सहप्रभारी बनाए गए बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने भाजपा कोर कमेटी और विधायक दल की बैठक में संगठन को जीत के मंत्र दिए।
रांची, [जागरण स्पेशल]। विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2019) की आहटों के बीच भाजपा (BJP) ने झारखंड (Jharkhand) की सत्ता पर एक बार फिर से काबिज होने का संकल्प लिया है। केंद्र में मोदी सरकार (Narendra Modi) की वापसी के बाद से ही मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) इसके लिए तमाम रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। खासकर दुमका (Dumka) जैसे गढ़ में मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में करारी शिकस्त देने के बाद से ही भाजपा (BJP) के हौसले बुलंद हैं। सुशासन और विकास कार्यों के बूते झारखंड (Jharkhand) में फिर से सरकार बनाने का दम भर रही पार्टी (BJP) ने जमीनी स्तर पर संगठन को सशक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखा है।
मंगलवार को झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2019) के लिए भाजपा (BJP) के सहप्रभारी बनाए गए बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव (Nand kishore Yadav) ने बीजेपी (BJP) नेताओं की लंबी बैठक ली। इसमें 65 प्लस (65 Plus in Jharkhand) के लक्ष्य को हासिल करने का रोडमैप दिया गया। उन्होंने (Nand kishore Yadav) संगठन से जुड़े सभी प्रतिनिधियों को जीत का मंत्र देते हुए मंडल के स्तर पर प्रवास करने की हिदायत की।
चुनाव सहप्रभारी नंद किशोर यादव के 10 विजयी मंत्र
- विधानसभा चुनाव में 65 प्लस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष कार्य योजना पर शुरू करें काम।
- पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीते प्रतिनिधियों को दस-दस मंडल का दायित्व सौंपा।
- विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि दस मंडलों में प्रवास करेंगे, संगठन को मजबूत बनाएंगे।
- प्रदेश के सभी 513 संगठनात्मक मंडलों में प्रवास के लिए रोडमैप बनाकर काम होगा।
- पार्टी को सर्वस्पर्शी एवं सर्वव्यापी बनाने के लिए सदस्यता अभियान को और गति देने पर जोर।
- 25 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य, 17 लाख नए सदस्य बनाए। 20 अगस्त तक हासिल करें लक्ष्य।
- 15 अगस्त के बाद राज्य के सभी मंडलों, जिला मुख्यालयों और विधानसभा क्षेत्र में भाजपा सम्मेलन।
- प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक की इकाइयों को सक्रिय करें।
- बीते विधानसभा चुनाव में कम वोटों के अंतर से हारने वाली सीटों पर अधिक ध्यान दें।
- बूथ लेवल कमेटी अधिक से अधिक मतदाताओं से संपर्क साधें और उन्हें मोदी-रघुवर सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों के बारे में बताएं।