नियमों को ताक पर रख जमीन की खरीद-बिक्री, सीआइडी जांच Ranchi News
Jharkhand. राज्य में नियमों को ताक पर रखकर गैर मजरूआ सीएनटी एक्ट की जमीन की खरीद-बिक्री की गई है। इसकी शिकायत सीआइडी मुख्यालय पहुंची है।
रांची, [दिलीप कुमार]। नियमों को ताक पर रखकर गैर मजरूआ, सीएनटी एक्ट की जमीन की खरीद-बिक्री की गई है। ऐसी कई शिकायतें जब सीआइडी मुख्यालय पहुंची तो एडीजी ने सभी शिकायतों की जांच का आदेश दे दिया। सीआइडी मुख्यालय पहुंचने वाली ऐसी आधा दर्जन शिकायतों की जांच सीआइडी ने शुरू कर दी है। ऐसे मामले विभिन्न जिलों में दर्ज हैं।
सीआइडी मुख्यालय को यह शिकायत मिली थी कि बहुत सी संस्थाओं ने विदेशी फंड का दुरुपयोग कर गलत तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री की है। शिकायतों में कितनी सच्चाई है, यह अनुसंधान पूरा होने के बाद ही सामने आएगी। बहरहाल, अनुसंधान जारी है।
कुछ प्रमुख मामले, जिसकी शुरू हुई है सीआइडी जांच
- प्रभात तारा स्कूल सिंहपुर हटिया : इसपर वन भूमि पर अवैध रूप से स्कूल निर्माण कराने संबंधित शिकायत सीआइडी के पास पहुंची थी। आरोप है कि इस संस्था ने 18 एकड़ गैर मजरूआ जमीन पर कब्जा कर स्कूल निर्माण कराया है।
- विलिभर्स चर्च ऑफ इंडिया : केरल की संस्था विलिभर्स चर्च ऑफ इंडिया पर सीएनटी एक्ट के दायरे में आने वाली भूमि खरीदने का आरोप है। आरोप है कि इस संस्था ने कांके थाना क्षेत्र के कोंगे में गलत तरीके से 11 डिसमिल जमीन खरीदी है।
- सिमडेगा में गलत तरीके से जमीन खरीदकर चर्च निर्माण की तैयारी : समाजिक कार्यकर्ता विनय जोशी ने सीआइडी को पत्र लिखकर यह जानकारी दी कि सिमडेगा में गलत तरीके से चर्च के लिए जमीन की खरीदगी हुई है। इसकी विधिवत जांच जरूरी है।
पहले से चल रही है चर्च के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदने की जांच
सीआइडी में पहले से ही चर्च के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीदारी मामले की जांच रही है। यह मामला इग्नेश टोपनो व उनकी संस्था द कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआइ) सोसाइटी फॉर एजुकेशन नार्थ इंडिया के रातू के होचर में 04 एकड़ 44 डिसमिल व खूंटी के फूदी में सैकड़ों एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदने से संबंधित है।
इस मामले में रांची के लोअर बाजार थाने में 05 सितंबर 2015 को कांड संख्या 298/15, रातू थाने में एक जून 2018 को कांड संख्या 99/18 व कोतवाली थाने में एक मई 2018 को कांड संख्या 114/18 दर्ज है। इस मामले में पूर्व डीजीपी ने ही तीनों कांडों के अनुसंधान की जिम्मेदारी सीआइडी को दी थी। आरोप यह भी लगा था कि जमीन की खरीद-बिक्री में गलत दस्तावेज लगाए गए और विदेशी फंड का दुरुपयोग किया गया।