Move to Jagran APP

साइकिल की बिक्री में 25% तक का उछाल, मनचाही साइकिल के लिए करना पड़ रहा इंतजार

Jharkhand News. कोरोना काल में साइकिल की सवारी लोगों की पसंद बन रही है। 5 से दस हजार की रेंज में क्वालिटी साइकिल की मांग ज्यादा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 12:21 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 12:21 PM (IST)
साइकिल की बिक्री में 25% तक का उछाल, मनचाही साइकिल के लिए करना पड़ रहा इंतजार
साइकिल की बिक्री में 25% तक का उछाल, मनचाही साइकिल के लिए करना पड़ रहा इंतजार

रांची, जासं। कोरोना संक्रमण के बीच साइकिल की सवारी लोगों का काफी पसंद आ रही है। पिछले दो दशक के बाद साइकिल के खरीदारों की संख्या में अचानक 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के बीच पब्लिक ट्रांसपोर्ट के कम चलने और संक्रमण की आशंका को देखते हुए लोग अपने आसपास के कामों के लिए साइकिल की खरीदारी कर रहे हैं।

loksabha election banner

वहीं बाइक के बीएस-6 की कीमतों में उछाल के कारण भी ग्राहकों का रुझान साइकिल की तरफ हुआ है। हालांकि संक्रमण के बीच उद्योग खोलने की गाइडलाइन के कारण निर्माण पर बड़ा असर पड़ा है। साइकिल के निर्माण में 50 प्रतिशत तक की गिरावट है। मगर कंपनियों का दावा है कि अगले एक महीने में वो बाजार को मांग के अनुरूप माल की सप्लाई शुरू कर देंगी।

मीडिल रेंज की साइकिलों की है ज्यादा मांग

रांची और आसपास के इलाकों में मीडिल रेंज की साइकिलों की मांग ज्यादा है। दुकानदार बताते है कि हाई रेंज की साइकिलों का बाजार अलग है। उसे खरीदने वालों को लॉकडाउन से कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए उस सेक्शन में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। मगर पांच से दस हजार के सेक्शन में क्वालिटी साइकिल की मांग बढ़ी है। लोग ब्रांड के साथ कीमतों को भी देख रहे हैं।

कई लोग ऐसे भी आते हैं जो खुद को फिट रखने के लिए साइकिल ले रहे होते हैं। उनकी मांग और साइकिल से अपेक्षा अलग होती है। ऐसे में उनके लिए साइकिल भी अलग है। वहीं कई ऐसे माता-पिता आते जो बताते हैं कि ट्रैफिक नियम के टाइट होने से वो अपने बच्चों को स्कूटी नहीं देना चाहते। ऐसे में साइकिल के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। इन बच्चों के लिए बाजार में साइकिल की पूरी एक अलग रेंज हैं।

मनचाही साइकिल के लिए करना पड़ रहा इंतजार

साइकिल उद्योग पंजाब बेस है। जहां से कामगार संक्रमण के कारण अपने-अपने राज्य वापस आ गए हैं। इसके साथ ही सरकारी गाइडलाइन के तहत कंपनियों को केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही निर्माण की इजाजत है। ऐसे में साइकिलों के उत्पादन पर असर पडऩा लाजिमी है। कंपनियों की सप्लाई पर इसका अभी तक 30 प्रतिशत असर देखने को मिल रहा है। ऐसे में शहर के बाहरी बाजारों में साइकिल की थोड़ी किल्लत हो गयी है। बाजार में लोगों को अपनी मनचाही साइकिल लेने के थोड़ा इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि माल की कमी इतनी नहीं है कि नंबर लगा के खरीदारी करनी पड़े।

'साइकिल की मांग बढऩा बाजार के साथ पर्यावरण के लिए भी काफी अच्छा है। लोग अपने आसपास के कामों को करने के लिए साइकिल की सवारी का चुनाव कर रहे हैं। बाजार में करीब दो दशक के बाद ऐसी तेजी आयी है। हालांकि इसके पीछे पेट्रोल का मंहगा होना भी एक कारण है।' -निर्मल बुधिया, सचिव, रांची साइकिल डीलर्स एसोसिएशन।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.