चतरा में 9.33 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला, जानें; किसके खाते में गई कितनी राशि
अधिकारियों ने सारे नियमों को ताक पर रखकर छात्रवृत्ति मद में 9.33 करोड़ रुपये की बंदरबांट कर ली।
विनोद श्रीवास्तव, रांची। झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की लंबी फेहरिश्त रही है। कागज पर संचालित दर्जनों संस्थानों के नाम पर झारखंड गठन के बाद अरबों की छात्रवृत्ति बांट दी गई। इतना ही नहीं कमजोर डिलीवरी मैकेनिज्म की वजह से डॉक्टर, इंजीनियर, ठेकेदार, शिक्षक समेत राज्य सरकार में बड़े-बड़े ओहदे पर बैठे लोगों ने भी अपने पुत्र-पुत्रियों और रिश्तेदारों के नाम पर छात्रवृत्ति की भारी भरकम राशि हथिया ली। हालिया मामला चतरा का है। अधिकारियों ने सारे नियमों को ताक पर रखकर छात्रवृत्ति मद में 9.33 करोड़ रुपये की बंदरबांट कर ली।
सरकार ने नियमत: दूसरी कक्षा से ऊपर के छात्रों के लिए डीबीटी के जरिए छात्रवृत्ति भुगतान का प्रावधान कर रखा है। इससे इतर अफसरों ने कल्याण विभाग से संबद्धता रखने वाले विद्यालयों में प्रति विद्यालय 400 छात्रों के नाम पर पहले चेक काटकर राशि की बंदरबांट कर ली। उपायुक्त स्तर से हुई जांच के बाद पकड़ में आई अपने तरीके के इस नए घोटाले को सरकार ने गंभीरता से लिया है।
सरकार ने इस मामले की न सिर्फ उच्च स्तरीय जांच कराने का मसौदा तैयार किया है, बल्कि योजना सह वित्त तथा महालेखाकार के माध्यम से जिला कल्याण शाखा, चतरा की कुंडली खंगालने का आदेश दिया है। अवैध तरीके से जिन खातों में राशि हस्तांतरित की गई है, उन खातों को फ्रीज करने तथा दोषी अफसरों और एजेंसियों से राशि की वसूली का निर्देश उपायुक्त को दिया गया है। उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर लगभग एक दर्जन अधिकारी-कर्मचारी समेत अन्य लोगों के लपेटे में आने की आशंका है।
टीडब्ल्यूसी की अध्यक्षता वाली समिति करेगी मामले की जांच
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए कल्याण विभाग ने आदिवासी कल्याण आयुक्त (टीडब्ल्यूसी) की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। कमेटी में अपर सचिव एसके सोरेंग के अलावा उत्तरी छोटानागपुर के उप निदेशक बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। कमेटी को एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। समिति चतरा के उपायुक्त द्वारा इस मामले में की गई जांच से पूर्व के विगत पांच वर्षों में छात्रवृत्ति की हुई निकासी मामले की भी पड़ताल करेगी।
तत्कालीन दो डीडब्ल्यूओ के निलंबन की फाइल बढ़ी
उपायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर चतरा के तत्कालीन दो जिला कल्याण पदाधिकारियों (डीडब्ल्यूओ) आशुतोष कुमार और भोलानाथ लागूरी को निलंबित किए जाने की तैयारी है। फाइल कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को भेजी जा रही है। इससे इतर नाजीर इंद्रदेव प्रसाद और प्रधान सहायक काशीनाथ गुप्ता के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने का निर्देश उपायुक्त, चतरा को दिया गया है। नाजीर और प्रधान सहायक की प्रतिनियुक्ति निलंबन अवधि में आइटीडीए, रांची करने का निर्देश दिया गया है।
जानें, किसके खाते में गई कितनी राशि
रिपोर्ट के मुताबिक सेनवर्ड संस्था के खाते में एक करोड़ 21 लाख 97 हजार, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र के खाते में 1.10 करोड़, एनजीओ प्रयास के प्रबंध निदेशक के खाते में 1.89 करोड़ (इनमें से एक करोड़ नाजिर को कमीशन के तौर पर लौटाया) रुपये डाले गए। इनके अलावा सूरज अग्रवाल, पृथ्वी देवी, चंदा कुमारी, तारा प्रसाद, सुनीता देवी आदि के खाते में लाखों रुपये डालने के प्रमाण मिले हैं।