Move to Jagran APP

CM रघुवर दास की कोशिशें रंग लाईं, सऊदी अरब में बंधक मुफीज बकरीद पर घर लौटा VIDEO

Eid Al Adha. मुफीज काम के सिलसिले में रियाद गया था। वहां उसकी नियोक्ता कंपनी ने 12 अप्रैल 2019 को उस पर झूठा मुकदमा दर्ज कर मुफीज को बंधक बना लिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 07:07 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 10:05 PM (IST)
CM रघुवर दास की कोशिशें रंग लाईं, सऊदी अरब में बंधक मुफीज बकरीद पर घर लौटा VIDEO
CM रघुवर दास की कोशिशें रंग लाईं, सऊदी अरब में बंधक मुफीज बकरीद पर घर लौटा VIDEO

रांची, जासं। सऊदी अरब में चार माह से बंधक बना मो. मुफीज सफदर अली मुख्यमंत्री के प्रयास से सोमवार को एयर एशिया के विमान से सकुशल रांची पहुंचा। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनके मित्र व परिजनों ने उसका स्वागत किया और गले मिलकर बकरीद की बधाई भी दी। मो. मुफीज ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास व सीएम के आप्त सचिव केपी बालियान के सहयोग से भारत वापस आया हूं। मुझे तो वतन वापसी की उम्मीद ही नहीं थी। बकरीद के त्योहार में राज्य सरकार ने मुझे ईदी दी है।
सऊदी अरब में बीते एक-एक पल को याद करते हुए कहा कि मुझ पर झूठा केस किया गया था। 15 दिनों तक काफी परेशान रहा। ऐसा लग रहा था जैसे जहन्नुम में सजा काट रहा हूं। बताया कि 12 अप्रैल को रियाद गया था और 13 अप्रैल को शेख अलकशी मुनैजर ने मुझ पर भगौड़ा व 20 हजार रियाल के सोना चोरी का केस कर दिया। रियाद पुलिस भी दूसरे देश से आए लोगों की मदद नहीं करती। झूठे मामलों में गिरफ्तार करने के बाद छोड़ देती है। वहां की पुलिस मारपीट नहीं करती है, मानसिक रूप से प्रताडि़त करती है। वहां की पुलिस ने चोरी के मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और जेल भेज दिया। फिर 24 घंटे बाद रिहा कर दिया गया। 

loksabha election banner

उन्होंने बताया कि पिछले चार महीने से वे एक चोर की तरह छिपकर रहे। फिर हिंदपीढ़ी स्थित अपने घर फोन किया और पूरे मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी। मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि अब वे पैसा कमाने के लिए सऊदी अरब कभी नहीं जाएंगे। साथ ही सऊदी अरब जाने वालों से अपील करते हुए कहा कि कंपनी के बारे में पूरी तरह छानबीन करने के बाद ही वहां जाएं। किसी के बहकावे में न आएं। उन्होंने बताया कि हाल ही में फिलीपिंस का एक व्यक्ति भी कई वर्षों के बाद अपने वतन वापस लौटा। जबकि उत्तर प्रदेश स्थित आजमगढ़ के दो लोग अभी भी वहां बंधक हैं।

दोस्त ने दिया कंपनी में अच्छी सैलरी दिलाने के नाम पर दिया धोखा
मो. मुफीज ने बताया कि हिंदपीढ़ी ग्वाला टोली निवासी मौजा मल्लिक ने उन्हें पैसा कमाने के लिए सऊदी अरब जाने का सपना दिखाया। मुंबई स्थित सऊदी अरब के दूतावास से वीजा और पासपोर्ट भी बनवा दिया। 11 मार्च 2017 को वे मुंबई से सऊदी अरब के लिए रवाना हुए थे। जब सऊदी अरब पहुंचे तो पता चला कि वीजा व पासपोर्ट फर्जी हैं। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त ने कहा था कि कंपनी में प्रति माह 2600 रियाल मिलेंगे, जबकि कहां फुटपाथ के टू व्हीलर दुकान पर मैकेनिक का काम मिला।
आठ घंटे की जगह 18-20 घंटे काम कराए गए। प्रतिमाह सैलरी के नाम पर मात्र एक हजार रियाल मिलते थे। फुटपाथ दुकान का मालिक शेख अलकशी मुनैजर था। बताया कि सऊदी अरब में रेसीडेंट आइडी बनता है। दो माह बाद कार्ड की समयावधि खत्म होने वाली थी। शेख से कार्ड रिन्यूवल कराने की बात की तो उसने रेसीडेंट आइडी भी जब्त कर ली। बताया कि सऊदी अरब में हाल ही में एक नया कानून बना है। इस कानून के तहत जिन लोगों को तीन माह से सैलरी नहीं दी जाती है, वे ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराकर अपना पैसा वापस ले सकते हैं।

इसी कानून के तहत अपने बकाए पैसे को लेने के लिए वे 12 अप्रैल को रियाद गए थे। जबकि 13 अप्रैल को शेख अलकशी मुनैजर ने उनपर भगौड़ा होने व घर से 20 हजार रियाल के सोना चोरी के मामले में झूठा केस दर्ज करा दिया। रियाद से वापसी के बाद शेख ने पुलिस को 4200 रुपये देने की बात कह बकाए पैसे में से यह रकम भी काट ली।

दोस्त ने वतन वापसी के लिए की मदद
मो. मुफीज के दोस्त सतीश ने बताया कि जब उन्हें मुफीज को बंधक बनाने की जानकारी मिली तो वे तत्काल अपर पुलिस महानिदेशक अनिल पाल्टा से मिले और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने तत्काल विदेश मंत्रालय को ई-मेल किया और एक पत्र दिया। फिर उन्होंने उस पत्र की कॉपी राज्यपाल, मुख्यमंत्री व सिटी एसपी को दी। 14 दिन बाद उन्हें सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास से जवाब मिला। इस दौरान लगभग तीन माह तक भारतीय दूतावास व सतीश के बीच लगातार बातचीत होती रही। उन्होंने बताया कि सोमवार को भी सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उनसे मो. मुफीज की घर वापसी को लेकर काफी देर तक बातचीत की।

मौजा मलिक पर हो कड़ी कार्रवाई : खुरशीद
मो. मुफीज के भाई मो. खुरशीद ने कहा कि मौजा मलिक ने दोस्ती की आड़ में उनके भाई को धोखा दिया है। उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। बताया कि मो. मुफीज दो पहिया वाहनों की मरम्मत करने वाले मैकेनिक हैं। हिंदपीढ़ी स्थित मक्का मस्जिद के समीप उनका घर व काठीटांड़ में दो पहिया वाहनों के रिपेयरिंग की दुकान है। उनके दोस्त ने कंपनी में काम दिलाने का झांसा दिया और सऊदी अरब में फुटपाथी दुकान पर मैकेनिक का काम दिलवा दिया।
मात्र एक साल तक उन्हें प्रतिमाह एक-एक हजार रियाल सैलरी के रूप में दी गई। उसके बाद प्रतिमाह पैसा देना भी बंद कर दिया। चार माह पूर्व जब उनके भाई ने सऊदी अरब से फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी तो उन्हें अब तक लगभग 2.50 लाख रुपये भेजे गए। मो. मुफीज के जीजा मो. साजिद ने बताया कि पिछले चार माह से मो. मोफीज को प्रतिमाह 20-25 हजार रुपये भेजे जा रहे थे। उन्हें सऊदी अरब से भारत वापस लाने के लिए रिसालदार बाबा दरगाह कमेटी व सांसद कहकशां परवीन से भी अनुरोध किया गया था।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.