Move to Jagran APP

सरयू बोले, अमित शाहजी मुक्त कीजिए मंत्री पद से

राची, राज्य ब्यूरो : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात नहीं होने के बाद

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 06:41 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 06:41 AM (IST)
सरयू बोले, अमित शाहजी मुक्त कीजिए मंत्री पद से
सरयू बोले, अमित शाहजी मुक्त कीजिए मंत्री पद से

राची, राज्य ब्यूरो : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात नहीं होने के बाद अब मुख्यमंत्री रघुवर दास से नाराज चल रहे राज्य सरकार के मंत्री सरयू राय ने उन्हें पत्र लिखा है।

loksabha election banner

इस पत्र में उन्होंने पुरानी मुलाकात का हवाला देते हुए कार्रवाई का जिक्र किया है। उनकी पीड़ा है कि शुरू में थोड़ा सुधार देखने को मिला लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं रही कि वे स्वाभिमान और प्रतिष्ठा के साथ समझौता कर मंत्रिपरिषद में रहें। पत्र के माध्यम से गुहार लगाई है कि वे जल्द से जल्द मंत्रिमंडल छोड़ने की इच्छा रखते हैं और इस संबंध में आलाकमान के समक्ष भी असमंजस की स्थिति बनाकर नहीं रखना चाहते। निर्णय लेने के लिए उन्होंने फरवरी माह तक की मियाद भी दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया पत्र

प्रतिष्ठा में,

श्री अमित शाह

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी

नई दिल्ली

माननीय अध्यक्ष जी,

विगत 4 अगस्त 2017 को मैंने माननीय प्रधानमंत्री जी से भेंट किया था। तदुपरात 21 अगस्त 2017 को आपसे पार्टी कार्यालय में मिला था। प्रधानमंत्री जी से भी और आपसे भी मैंने झारखंड सरकार की असंतोषजनक कार्यप्रणाली के बारे में चर्चा किया था। मैंने अवगत कराया था कि झारखंड मंत्रिपरिषद का सदस्य बने रहने में मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही है, इसलिये मै मंत्री पद से मुक्त होना चाहता हूं।

मान्यवर प्रधान मंत्री जी ने निर्देश दिया था कि मंत्री पद छोड़ना समस्या का हल नही है। कोई कमी है तो उसे दूर किया जायेगा। इस विषय में आप अमित भाई से मिलें। मैं आपसे मिला तो आपने धैर्य दिलाया कि 16-18 सितंबर 2017 को राची के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान इस विषय का समाधान करेंगे।

आपके राची प्रवास के बाद कुछ समय तक सबकुछ ठीक-ठाक रहा परंतु आज की स्थिति उस समय से भी बदतर हो गई है। सरकार में ऐसे कई कार्य हो रहे हैं जिन्हें पचा पाना मेरे लिये संभव नही हो पा रहा है। स्वाभिमान और प्रतिष्ठा के साथ मंत्रिपरिषद का सदस्य बने रहना संभव नहीं हो पा रहा है।

मैं समझता हूं कि हर व्यक्ति की अपनी कार्यशैली होती है, अपनी प्राथमिकताएं होती हैं, अपनी विशेषताएं होती हैं, ख़ूबिया- खामियां होती हैं। मैं अंतर्मन से इसका समादर करता हूं। किसी की आलोचना करना मेरा मकसद नहीं है। मेरा आपसे इतना ही निवेदन है कि यदि माननीय मुख्यमंत्री जी की कार्यशैली में, बात-व्यवहार में, प्राथमिकताओं में बदलाव संभव नही है, उनके अनुरुप ढलना मेरे लिये संभव नही है और केंद्रीय नेतृत्व अथवा राज्य नेतृत्व के पास इस बारे में पहल करने का समय नहीं है तो बेहतर होगा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष असमंजस की स्थिति पैदा करने के बदले स्वयं मंत्रिपरिषद से अलग हो जाऊं ताकि रोज-रोज के खटपट से, विवाद से, कशमकश से और शर्मिंदगी से मुझे छुटकारा मिले।

इस हेतु आपसे निवेदन करने दिल्ली आया था, पर आपके दिल्ली से बाहर रहने के कारण यह लिखित निवेदन आपकी प्रतिष्ठा में छोड़ जा रहा हूं। आप जब भी आदेश करेंगे, हाजि़र हो जाऊंगा। विनम्र अनुरोध है कि वर्तमान फरवरी माह के अंत तक या इसके पूर्व इस बारे में आपका निर्देश मुझे प्राप्त हो जायेगा।

सादर,

आपका विश्वासी

सरयू राय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.