Move to Jagran APP

सरयू राय का दावा, रघुवर दास ने दबाई थी IAS राहुल पुरवार के खिलाफ जांच रिपोर्ट

Jharkhand. विभागीय जांच में राहुल पुरवार पर कमीशन मांगने का आरोप सच पाया गया था। रघुवर दास को जांच रिपोर्ट भेजी गई तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:55 PM (IST)
सरयू राय का दावा, रघुवर दास ने दबाई थी IAS राहुल पुरवार के खिलाफ जांच रिपोर्ट
सरयू राय का दावा, रघुवर दास ने दबाई थी IAS राहुल पुरवार के खिलाफ जांच रिपोर्ट

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार ने टाटा प्रोजेक्ट्स को 42 करोड़ रुपये के भुगतान के एवज में ढाई प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। ऊर्जा विभाग के पूर्व प्रधान सचिव वंदना दादेल की जांच में यह आरोप सत्य पाया गया था। चारा घोटाला, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के कार्यकाल में हुई वित्तीय गड़बड़ी समेत सरकारी विभागों में लगातार अनियमितताएं उजागर करने वाले विधायक सरयू राय का दावा है कि ऊर्जा विभाग की तत्कालीन प्रधान सचिव की जांच रिपोर्ट को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लगभग छह महीनों तक दबाए रखा।

loksabha election banner

इस बीच ऊर्जा विभाग के सचिव पद पर एल ख्यांगते की नियुक्ति हो गई। विधानसभा चुनाव पूरा हो जाने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संचिका को इस आदेश के साथ विभाग में भेज दिया कि जांच प्रतिवेदन पर वर्तमान ऊर्जा सचिव का मंतव्य प्रात किया जाए। सरयू राय का तर्क है कि मुख्यमंत्री के इस आदेश से स्पष्ट है कि उन्होंने आरोप साबित हो जाने के बाद भी राहुल पुरवार पर कार्रवाई नहीं की और फाइल अपने पास दबाए रखी।

क्या है पूरा मामला

7 जून, 2019 को टाटा प्रोजेक्ट लिमिटिड के एक अधिकारी अविनाश कुमार ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को एक औपचारिक शिकायत  मेल के जरिए भेजी थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि निगम का एक काम करने के एवज में 42 करोड़ रुपये का भुगतान करने की फाइल प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार के पास लंबित है। वे ढ़ाई प्रतिशत कमीशन चाहते हैं और उनका कहना है कि इसमें मुख्यमंत्री तक की हिस्सेदारी है। मुख्य सचिव ने इस शिकायत को जांच के लिए तत्कालीन ऊर्जा सचिव वंदना दादेल को भेज दिया था।

तब हेमंत सोरेन ने किया था खुलासा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए 25 जुलाई, 2019 को संवाददाता सम्मेलन कर इस मामले का खुलासा किया था। उन्होंने इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की संलिप्तता का आरोप लगाया था और करवाई की मांग की थी। शिकायती पत्र में जिक्र था कि राहुल पुरवार अपने एक रिश्तेदार सुमित कुमार पुरवार के मार्फत वसूली करते हैैं। तत्कालीन विधायक अरूप चटर्जी ने यह मामला झारखंड विधानसभा के पिछले मानसून सत्र में उठाया था। हंगामे के कारण दिनभर विधानसभा नहीं चली थी।

कार्रवाई करे सरकार : सरयू

सरयू राय का कहना है कि इस मामले को उजागर करने वाले हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हैं। उनके द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाया गया आरोप जांच में साबित हो गया है। राहुल पुरवार अभी भी ऊर्जा वितरण निगम के प्रबंध निदेशक हैं। मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वे इस पर करवाई करेंगे और इसके आलोक में ऊर्जा विभाग के अन्य घोटालों की जांच के लिए विशेष कमेटी बनाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.