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सारंडा जंगल में अवैध खनन पर सरयू राय दाखिल करेंगे प्रति उत्तर Ranchi News

Jharkhand. झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मंत्री सरयू राय ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में अवैध खनन की सीबीआइ जांच की मांग की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 07:40 PM (IST)
सारंडा जंगल में अवैध खनन पर सरयू राय दाखिल करेंगे प्रति उत्तर Ranchi News
सारंडा जंगल में अवैध खनन पर सरयू राय दाखिल करेंगे प्रति उत्तर Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में सारंडा में अवैध खनन की जांच की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान प्रार्थी की ओर से प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। पूर्व मंत्री सरयू राय की ओर से इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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याचिका में कहा गया है कि सारंडा जंगल में बिना पर्यावरण स्वीकृति के अवैध खनन किया गया है। इसकी जांच सीबीआइ से कराई जाए। इस मामले में पूर्व में सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया है। सरकार ने कहा है कि कोर्ट के आदेश व पर्यावरण स्वीकृति के बाद ही वहां पर खनन की अनुमति दी गई है। सरकार के जवाब पर प्रार्थी सरयू राय की ओर से प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई है।

हाई कोर्ट ने आयोग से पूछा, सरकार ने क्या-क्या उपलब्ध कराई सुविधाएं

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में सिख दंगों की जांच को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच करने वाले आयोग से रिपोर्ट मांगी। अदालत ने पूछा कि सरकार की ओर से उन्हें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैैं। किन-किन सुविधाओं की और जरूरत है। दो सप्ताह में उन्हें अदालत में जवाब दाखिल करना है।

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले की जांच सेवानिवृत्त जस्टिस डीपी सिंह की अध्यक्षता वाली आयोग कर रहा है। सरकार की ओर से उन्हें सारी सुविधाएं दे दी गई हैैं। इस पर अदालत ने आयोग से यह बताने को कहा है कि सरकार की ओर से उन्हें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैैं। अब उन्हें इसके अलावे किन चीजों की जरूरत है। इसकी जानकारी अदालत को दें। बता दें कि सतनाम सिंह गंभीर ने इस संबंध में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।


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