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Sarna Dharam Code: सरना धर्म कोड पर कांग्रेस का दबाव, आज फैसला ले सकती है झारखंड सरकार

Sarna Dharam Code in Jharkhand सरकार केंद्र को सरना धर्म कोड बिल पारित कर प्रस्ताव भेजने पर विचार कर रही है। इससे पहले रांची समेत कई जिलों में आदिवासी संगठनों ने सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए रैलियां भी निकाली।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:20 AM (IST)
Sarna Dharam Code: सरना धर्म कोड पर कांग्रेस का दबाव, आज फैसला ले सकती है झारखंड सरकार
सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते लोग।

रांची, राज्य ब्यूरो। जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने को लेकर कांग्रेस का दबाव बढ़ता दिख रहा है। संभावना जताई जा रही है कि सरकार मंगलवार को इस संबंध में केंद्र को अनुशंसा भेजने के संबंध में कुछ निर्णय ले सकती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखी है।

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उधर, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर केंद्र को सरना धर्म कोड बिल पारित कर केंद्र को प्रस्ताव भेजने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इससे पहले रांची समेत कई जिलों में आदिवासी संगठनों ने रैलियां भी निकाली थीं और सांकेतिक प्रदर्शन भी राज्य के कई हिस्सों में किया गया गया था। सूत्रों के अनुसार, इन बातों को देखते हुए मंगलवार को मानसून सत्र के दौरान कुछ घोषणा भी हो सकती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव भी इस मसले पर सीएम के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं।

बंधु ने सीएम से किया आग्रह, सदन से बिल पास कराकर केंद्र को भेजें

विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सोमवार को मुलाकात कर सरना कोड का बिल सदन से पास कराकर केंद्र को भेजने का आग्रह किया है। विधायक बंधु तिर्की ने सीएम को संबोधित एक पत्र भी सौंपा जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत के संविधान में सभी धर्मों का समान अधिकार है। आदिवासी का पूरे भारत मे वर्तमान में 15 करोड़ की आबादी होने के बावजूद भी आदिवासियों की अपनी धर्म एवं आस्था के साथ बार-बार आदिवासी विरोधी ताकतों द्वारा एक सोची-समझी साजिश के तहत खत्म किया जा रहा है।

यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन और सिख समुदाय के लोग अपने धर्म कॉलम/कोड से जाने जाते हैं। आदिवासियों के धर्म कॉलम/कोड को आजादी के बाद षडयंत्र के तहत धर्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए हटा दिया गया। उन्होंने चालू सत्र में ही बिल पास कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया है।


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