Sarkari Job: शिक्षा विभाग में 10 हजार क्लर्कों की बहाली, सरकार ने दी मंजूरी; देखें Details
Sarkari Job in Jharkhand झारखंड में स्कूलों शिक्षा कार्यालयों में तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति होगी। शिक्षा सचिव ने सभी आरडीडीई से रिक्तियों का ब्यौरा मांगा है। आरक्षण रोस्टर क्लीयर कर 30 जनवरी तक रिक्तियां भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Sarkari Naukri, Sarkari Job झारखंड के माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं अन्य विद्यालयों सहित स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तमाम कार्यालयों में पहली बार तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति होगी। इनमें प्रखंड से लेकर प्रमंडल स्तर तक के कार्यालय शामिल हैं। शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने सभी प्रमंडलों के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों (आरडीडीई) से 30 जनवरी तक आरक्षण रोस्टर क्लीयर कर रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा है। उन्होंने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को अपने-अपने प्रमंडल के अंतर्गत आनेवाले सभी विद्यालयों व कार्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी निर्धारित फार्मेट में देने के लिए कहा है।
रिक्तियां मिलने के बाद नियुक्ति की अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेजी जाएगी। माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के अलावा जिन कार्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है, उनमें क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षका, उप जिला शिक्षा अधीक्षक, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, डायट, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान आदि शामिल हैं। बताया जाता है कि इन विद्यालयों व कार्यालयों में तृतीय श्रेणी के लगभग 10 हजार पद रिक्त हैं। इनमें कई वर्षों से नियुक्ति नहीं हो पाई है।
बता दें कि तृतीय श्रेणी के पदों में लिपिक या क्लर्क, सफाईकर्मी आदि पदों पर नियुक्ति की जानी है। खास बात यह है कि राज्य बनने के बाद पहली बार सरकारी हाई स्कूलों और प्लस टू स्कूलों में क्लर्कों की नियुक्ति होगी। हाई स्कलों में एक और प्लस टू स्कलों में लिपिक के दो पद होते हैं।
पद रिक्त रहने के कारण शिक्षकों की कर दी जाती है प्रतिनियुक्ति
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इन कार्यालयों में तृतीय श्रेणी के पद रिक्त रहने से कई बार शिक्षकों की वहां प्रतिनियुक्ति कर दी जाती है। समय-समय पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद किए जाने के निर्देश के बावजूद शिक्षक इन कार्यालयों में प्रतिनियुक्त रहते हैं। इससे संबंधित स्कूलों का पठन-पाठन प्रभावित होता है। रिक्त पदों पर नियुक्ति होने से शिक्षकों की वहां प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकेगी।