Sanskrit University: बाबानगरी देवघर में बनेगा संस्कृत विश्वविद्यालय, अधिनियम में हुआ संशोधन
Sanskrit University राज्यपाल की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया है। इससे झारखंड में संस्कृत की पढ़ाई को बढ़ावा मिलेगा पूरा राज्य में इसका अधिकार क्षेत्र होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Sanskrit University in Deoghar Jharkhand राज्य के पहले संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना देवघर में होगी। इसका नाम बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय होगा। राज्य सरकार ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इसे अधिसूचित कर दिया गया।
राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने, संस्कृत पढ़ानेवाले कॉलेजों को सुदृढ़ करने हेतु संस्कृत भाषा के पठन-पाठन के उद्देश्य के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। झारखंड विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के बाद संस्कृत के अकादमिक उत्कृष्टता प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थानों के संबंध में क्षेत्रीय अधिकारिता अब इस विश्वविद्यालय के अधीन आ जाएंगे।
पहले संस्कृत कॉलेजों की क्षेत्रीय अधिकारिता हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अंतर्गत आती थी। इससे संबंधित संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद राज्यपाल ने इसपर 18 अक्टूबर को अनुमति प्रदान की। विधि विभाग ने इसे संशोधन अधिनियम के रूप में 31 दिसंबर को अधिसूचित किया, जबकि इस वर्ष 22 जनवरी को इसे गजट में प्रकाशित किया गया। झारखंड विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम के तहत इस विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र पूरा झारखंड होगा।
विनोबा भावे विवि के पास है इन संस्थानों का अधिकार क्षेत्र
बोकारो तथा धनबाद जिला को छोड़कर संपूर्ण उत्तरी छोटानागपुर के कॉलेज। लेकिन होमियोपैथी, स्वदेशी चिकित्सा में शिक्षण प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थाएं, पाली, प्राकृत आदि में अकादमिक उत्कृष्टता प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थाओं के मामले में पूरे राज्य में। पहले इसमें संस्कृत के शैक्षणिक संस्थान भी शामिल थे। अधिनियम में संशोधन कर इसे हटाकर बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय में समाहित कर दिया गया।