Sanjeevani Buildcon: अब CBI ने संजीवनी बिल्डकान पर किया एक और केस... ED ने की 58 करोड़ की संपत्ति जब्त
Sanjeevani Buildcon झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआइ ने संजीवनी बिल्डकान व उसके चार पदाधकारियों-कर्मियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआइ ने रांची के लोअर बाजार थाने में 25 अगस्त 2017 को दर्ज कांड संख्या 289/2017 को टेकओवर किया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Sanjeevani Buildcon झारखंड सहित अन्य राज्यों में जमीन व मकान का सपना बेचकर करोड़ों की ठगी करने वाली रियल इस्टेट कंपनी संजीवनी बिल्डकान व इसके निदेशकों पर सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक और केस दर्ज कर लिया है। रांची के लोअर बाजार थाने में 25 अगस्त 2017 को दर्ज कांड संख्या 289/2017 को टेकओवर करते हुए सीबीआइ ने शुक्रवार को यह प्राथमिकी दर्ज की है। इस कांड के शिकायतकर्ता धुर्वा के एचइसी कालोनी के क्वार्टर नंबर डीटी-1314 निवासी दिनेश कुमार तिवारी है।
जिन्हें आरोपित बनाया गया है, उनमें संजीवनी बिल्डकान प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अलावा कंपनी की निदेशक अनामिका नंदी, सुरजीत गोस्वामी, प्रबंधक श्याम किशोर गुप्ता व मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव श्वेता रानी शामिल हैं। आरोपितों पर आपराधिक साजिश कर धोखाधड़ी करने का आरोप है। आरोप है कि उनलोगों ने एक साजिश के तहत दूसरे की जमीन की रजिस्ट्री शिकायतकर्ता दिनेश कुमार तिवारी व उनकी पत्नी के नाम पर की थी। इसके एवज में विभिन्न तिथियों में 26 लाख 6800 रुपये की ठगी की गई थी।
इसकी जानकारी दिनेश कुमार तिवारी को तब मिली, जब वे अपनी रजिस्टर्ड जमीन पर निर्माण करने पहुंचे तो कुछ लोगों ने इसका विरोध कर दिया। इसके बाद उन्होंने जमीन के दस्तावेज की जांच कराई तो पता चला कि उक्त जमीन खतियानी रैयत चामा मुंडा व अन्य के नाम पर पंजीकृत है। इसके बाद खुद को ठगा पाकर दिनेश कुमार तिवारी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट के आदेश पर ही रांची के लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अब हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है। संजीवनी बिल्डकान कंपनी का प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी अब तक फरार है, जिसके विरुद्ध पहले से ही लुक आउट नोटिस जारी है।
अब तक कंपनी की 58.67 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है ईडी
संजीवनी बिल्डकान के विरुद्ध ईडी ने भी करीब चार साल पहले मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान शुरू की थी। ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के बाद अब तक इस कंपनी से संबंधित 58 करोड़ 68 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली है। जब्त संपत्तियों में रांची की इस कंपनी की 98 अचल संपत्तियों के अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर में तीन दुकानें व बैंकों में पड़े फिक्स डिपोजिट के रुपये शामिल हैं।
रांची के 33 केस को सीबीआइ ने किया था टेकओवर
संजीवनी बिल्डकान के विरुद्ध रांची के अलग-अलग थानों में कुल 33 कांड दर्ज किए गए थे, जिसे सीबीआइ ने टेकओवर किया था। इसके अलावा रांची से बाहर भी कई केस दर्ज थे। वर्ष 2014 में सीबीआइ ने संजीवनी बिल्डकान के विरुद्ध अनुसंधान शुरू किया था। सीबीआइ ठगी के साथ-साथ जमीन घोटाले में मददगार सरकारी कर्मी की भूमिका की भी जांच कर रही है। सीबीआइ के अलावा ईडी भी मनी लांड्रिंग से संबंधित धाराओं में पूरे मामले का अनुसंधान कर रही है।