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Sahibganj Port: हेमंत सरकार ने अडाणी कंपनी के जहाजों की साहिबगंज बंदरगाह में एंट्री पर रोक लगाई

300 करोड़ के मल्टी मॉडल टर्मिनल की उपयोगिता सरकारी आदेशों के बाद खतरे में पड़ गई है। राज्य सरकार ने कहा कि टर्मिनल से जहाजों के संचालन से झारखंड को राजस्व का नुकसान होगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 09:46 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 06:37 PM (IST)
Sahibganj Port: हेमंत सरकार ने अडाणी कंपनी के जहाजों की साहिबगंज बंदरगाह में एंट्री पर रोक लगाई
Sahibganj Port: हेमंत सरकार ने अडाणी कंपनी के जहाजों की साहिबगंज बंदरगाह में एंट्री पर रोक लगाई

साहिबगंज, जासं। जल मार्ग से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए साहिबगंज मे 300 करोड़ की लागत से बने मल्टी मॉडल टर्मिनल में सरकार ने कंपनियों के जहाजों के परिचालन पर रोक लगा दी है। इस आदेश से केंद्र व राज्य सरकार आमने-सामने हैं। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने विभागीय अधिकारियों को सरकार के इस फैसले से अवगत कराया है। प्राधिकरण तथा झारखंड सरकार के परिवहन विभाग के पदाधिकारियों के बीच मंगलवार इस मसले पर रांची में बैठक होगी। 

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तीन दिनों से खड़े हैं जहाज

इस रोक की वजह से अडाणी लॉजिस्टिक, जय बजरंग बली स्टोन वक्र्स, कैंब्रिज कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, वर्सेल शिपिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड समेत कई कंपनियों के जहाज साहिबगंज में चार दिनों से खड़े हैं। उधर, इस आदेश के तहत बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी और झारखंड के साहिबगंज के बीच चलनेवाली फेरी सेवा (मालवाहक) पर भी रोक लगा दी गई है।

झारखंड के राज्य के परिवहन सचिव के रवि कुमार के निर्देश पर साहिबगंज के उपायुक्त वरुण रंजन ने  यह आदेश जारी किया है, जबकि दूसरी ओर टर्मिनल से इतर गंगा कोसी नाव यातायात सहयोग समिति लिमिटेड की ओर से फेरी सेवा (मालवाहक) का संचालन बदस्तूर चल रहा है।

परिवहन सचिव ने कहा है कि साहिबगंज में फेरी सेवा सालों से संचालित है। इससे झारखंड सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है। टर्मिनल से जहाजों के संचालन से झारखंड को राजस्व का नुकसान होगा। हालांकि, परिवहन सचिव के. रवि कुमार ने यह भी कहा है कि भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द विवाद को सुलझा लिया जाएगा। 

यह है मामला

दरअसल हल्दिया से बनारस तक गंगा नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग-1 घोषित किया गया है। इसके लिए साहिबगंज में टर्मिनल का निर्माण हो चुका है। टर्मिनल बनने के बाद जलमार्ग प्राधिकरण ने चार कंपनियों को साहिबगंज से मनिहारी के बीच मालवाहक जहाजों के परिचालन को अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया। इस पर संताल परगना के आयुक्त के अलावा साहिबगंज के अपर समाहर्ता व कटिहार जिले के समाहर्ता ने अपनी सहमति जताई। इसके बाद जय बजरंग बली स्टोन वर्क्‍स की ओर से मालवाहक जहाजों का परिचालन सकरीगली समदा तथा गरम घाट से शुरू किया गया।

इधर परिचालन की सूचना मिलने पर उपायुक्त ने एक आदेश निकाला। इसमें कहा गया कि टर्मिनल के अलावा कहीं और से जहाजों के परिचालन को अवैध माना जाएगा। आदेश के बाद भी जय बजरंगबली स्टोन वर्क्‍स की ओर से जहाजों का परिचालन किया जा रहा था। तब परिवहन सचिव के निर्देश के आलोक में उपायुक्त ने 11 जून को आदेश निकालकर चारों कंपनियों को दी गई अनुमति को स्थगित कर दिया। 

पिछले माह से टर्मिनल से कटिहार के मनिहारी के बीच मालवाहक जहाजों का परिचालन हो रहा था। साहिबगंज उपायुक्त के नए निर्देश के बाद जहाजों का परिचालन ठप हो गया है। सभी जहाज खड़े हैं। विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया है। मामले को जल्द सुलझाने का प्रयास चल रहा है। प्रशांत कुमार, उपनिदेशक, भारतीय जल मार्ग प्राधिकरण, साहिबगंज। 

राज्य परिवहन सचिव के आदेश पर बंदरगाह से मनिहारी के बीच मालवाहक जहाजों के परिचालन पर रोक लगाई गई है। पहले चार कंपनियों को अनुमति दी गई थी। समस्या का जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा। अनुज कुमार प्रसाद, अपर समाहर्ता, साहिबगंज।


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