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साहिबगंज के डीएसपी पहुंचे रूपा तिर्की के घर, परिजनों और ग्रामीणों ने किया हंगामा

साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:12 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 06:12 PM (IST)
साहिबगंज के डीएसपी पहुंचे रूपा तिर्की के घर, परिजनों और ग्रामीणों ने किया हंगामा
साहिबगंज के डीएसपी पहुंचे रूपा तिर्की के घर, परिजनों और ग्रामीणों ने किया हंगामा

जागरण संवाददाता, रांची/रातू : साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा। हर दिन परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश सामने आ रहा है। सोमवार को साहिबगंज के बड़हरवा डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा रातू टेंडर बगीचा स्थित रूपा तिर्की के आवास पहुंचे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में रूपा के परिजन और ग्रामीण जुट गए और हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस वापस जाओ के नारे लगाते हुए एक स्वर में केवल सीबीआइ जांच की मांग की। डीएसपी ने सफाई देते हुए कहा कि रूपा तिर्की को हर हाल में इंसाफ मिलेगा। उनकी बात सुन परिजन भड़क गए। ग्रामीणों ने उनसे कुछ सवाल पूछे। परिजनो और ग्रामीणों के सवाल पर डीएसपी मिश्रा की बोलती बंद हो गई। जांच भटकाने का आरोप, कहा हत्या को दिया जा रहा आत्महत्या का रूप :

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परिजनों ने कहा कि जांच को भटकाया जा रहा है। हत्या को आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने कहा कि एसआइटी जांच सिर्फ धोखा है। हमें सिर्फ सीबीआइ जांच ही चाहिए। देवानंद उरांव ने कहा कि वे सेना के जवान हैं उन्हें हत्या और आत्महत्या में फर्क अच्छी तरह पता है। बेटी के शरीर में चोट के कई निशान थे। गले में दो जगह गहरी चोट के निशान थे। इससे साफ पता लग रहा था कि यह मर्डर ही था।

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इस सवाल पर चुप रह गए डीएसपी :

देवानंद उरांव ने डीएसपी से सिर्फ एक सवाल पूछा कि सबसे पहले आप यह बताइए शव को सबसे पहले किसने देखा और उतारा। क्या रूपा के शरीर पर लगी चोट की आपको जानकारी है। पिता के प्रश्नों का डीएसपी साहब के पास कोई जवाब नहीं था। ग्रामीणों और वहां मौजूद पत्रकारों ने सवालों का भी डीएसपी कोई जवाब नहीं दे पाए। भीड़ को जमा होते देख वापस लौटने में ही अपनी भलाई समझी।

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पिता बोले, बेटी को सेवा के लिए भेजा, जिसकी सुरक्षा नहीं की गई :

रूपा के पिता ने डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा से कहा कि मैंने भी बतौर फौजी देश की सेवा में अपना जीवन लगा दिया। बेटी को भी सेवा के लिए भेजा, लेकिन आपके विभाग ने उसकी सुरक्षा नहीं की। मौत की सूचना के बाद जब परिवार के लोग साहिबगंज पहुंचे, उसी समय से पुलिस अधिकारी मौत को आत्महत्या बताने में लगे हैं। परिवार को पोस्टमार्टम की जानकारी नहीं दी गई। बेटी का शव पहुंचाने कोई पुलिस अधिकारी नहीं आया। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग करते हैं, पुलिस वाले आवेदन देने को कहते हैं। हर बात में टालमटोल किया जा रहा है।

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न्याय नही मिला तो आंदोलन तेज होगा : अमर उरांव

जिला पार्षद अमर उरांव ने कहा कि आदिवासी छात्र संघ सहित आदिवासी समाज के लोग इस हाईप्रोफाइल मामले को दबने नहीं देंगे हमें हर हाल में सीबीआइ जांच ही चाहिए। आदिवासी छात्र संघ के जिला अध्यक्ष प्रभात तिर्कीए प्रखंड अध्यक्ष सुमित उरांव सहित केंद्रीय सरना समिति के नारायण उरांव ने भी इस आंदोलन को दूर तक ले जाने की बात कही। रातू प्रखंड के प्राय: सभी गांव के मुखिया भी इस आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं।


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