विश्वास News: राय अलग हो सकती है, पर सच्चाई एक; Fake News से ऐसे बचें
Vishvas News. किसी भी खबर पर हमारी राय तो अलग-अलग हो सकती है। लेकिन सच्चाई एक ही होती है। ये बातें विश्वास न्यूज की न्यूज एडिटर रमा सोलंकी ने कही।
रांची, जागरण संवाददाता। Vishvas News किसी भी खबर पर हमारी राय तो अलग-अलग हो सकती है। लेकिन सच्चाई एक ही होती है। ये बातें विश्वास न्यूज की न्यूज एडिटर रमा सोलंकी ने कही। दैनिक जागरण के सहयोगी मीडिया प्लेटफॉर्म विश्वास न्यूज की ओर से शुक्रवार को होटल रेडिशन ब्लू में दो दिवसीय सच के साथी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के पहले दिन पहले सत्र में महिलाओं को और दूसरे सत्र में युवा छात्रों को फेक न्यूज से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
रमा सोलंकी ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत 15 दिनों में तीन राज्यों के नौ शहरों में फेक न्यूज के पर्दाफाश को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं व युवा छात्रों को बताया गया कि फेक न्यूज व रीयल न्यूज में क्या अंतर है। आप फेक न्यूज की जांच कैसे कर सकते हैं। यह एक जागरुकता अभियान है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि सच क्या है और झूठ क्या है।
इन दोनों में क्या अंतर है और इसे कैसे पहचानें। बताया कि मैसेज भेजते समय हम कैसे विचारशील व संवेदनशील हो जाते हैं। हमारा व्यवहार ऑनलाइन व ऑफलाइन के समय अलग-अलग क्यों हो जाता है। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं व युवा छात्रों को फेक न्यूज का उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ दिनों पूर्व वाट्सएप पर एक मैसेज वायरल हुआ था।
मैसेज के माध्यम से कहा गया था कि आप वाट्सएप से अपना फोटो हटा लें। अन्यथा आपकी फोटो चोरी हो जाएगी। जवाब में कुछ महिलाओं ने बताया कि इस मैसेज को पढ़ने के बाद उन्होंने तत्काल वाट्सएप से अपना फोटो हटा लिया था। रमा सोलंकी ने बताया कि इस प्रकार के मैसेज को पढ़ने के बाद आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार के मैसेज के फैक्ट्स जांच करने की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि यह मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे। मैसेज था, वाट्सएप के सीईओ ने कहा है, अपने वाट्सएप से अपना फोटो हटा लें, नहीं तो हैक हो जाएगा। जब वाट्सएप के ऑफिशियल वेबसाइट की जांच की गई तो पता चला कि वेबसाइट पर इस प्रकार का कोई मैसेज नहीं दिया गया है। इस दौरान महिलाओं ने विश्वास न्यूज के न्यूज एडिटर से पूछा कि आजकल वाट्सएप पर धर्म के नाम पर ऐसा करो, नहीं तो वैसा होगा।
इस प्रकार के कई मैसेज फॉरवर्ड किए जाते हैं। जवाब में विश्वास न्यूज की न्यूज एडिटर रमा सोलंकी ने कहा कि धर्म कभी संप्रदाय नहीं हो सकता। इस प्रकार के मैसेज को आप आगे किसी को फॉरवर्ड न करें। ऐसे मैसेज सिर्फ डराते हैं। आप इस प्रकार के मैसेज भेजने वालों को ब्लॉक करें। आप सच, झूठ, राय व अफवाह में अंतर समझ लें। दूसरों का नजरिया समझें। सबका अपना अनुवाद हो सकता है। सबसे पहले यह सोचें कि आपके मैसेज से दूसरे कैसा महसूस करेंगे।
आप विचारशील व संवेदनशील बनें। दूसरों की सुनें और आदर करें। अपने आप को दूसरों की जगह रख कर देखें। मैसेज भेजने से पहले सोचें। इस अवसर पर सुनीता कुमारी, प्रज्ञा, नम्रता सोनी, ¨रकी जायसवाल, दीप्ति बजाज, नंदिनी प्रणय, सारिका भूषण, नीतू सिन्हा, राजकुमारी सिंह, सरिता कुमारी, सोमा भंट्टाचार्य, रंजना कुमारी, रेणु वर्मा, गुरप्रीत कौर, खुशबू खान, पार्वती पांडा, कविता शुक्ला, जन्नत परवीन, निगार आफरीन, डॉ. सुषमा केरकेंट्टा, डॉ. डेजी केरकेंट्टा, गीता प्रसाद समेत कई उपस्थित थीं।