महंगा हुआ देश के बाहर गर्मी की छुट्टी मनाना
रुपये के कमजोर होने से टूरिज्म बिजनेस पर असर पड़ा है। मई का महीना मुख्य सीजन का होता है। ऐसे में हर साल जाने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है, पर इस बार यह संख्या भी नहीं है।
रांची, जेएनएन। अनिल जैन का परिवार गर्मी की छुट्टी मनाने की तैयारी कर रहा था। विदेश जाने का प्लान था, पर जब टूर पैकेजों पर नजर दौड़ाई, तो होश उड़ गए। पिछले वर्ष जिस यूरोप टूर पैकेज की कीमत एक लाख 50 हजार थी, उसकी कीमत दो लाख तक पहुंच गई है। हवाई यात्रा के किराये में भी जमीन-आसमान का अंतर आ गया है। यूएस रिटर्न टिकट अब 1.80 लाख के नीचे उपलब्ध नहीं है। दूसरी ओर, नजदीकी स्थानों यानी बैंकॉक और मलेशिया के टूर पैकेज की कीमत भी बढ़ गई है। रुपये के कमजोर होने से उन्होंने विदेश टूर का प्लान कैंसिल कर दिया। उन्होंने देश में ही हिमालय के वादियों के बीच हिमाचल प्रदेश में ही हनीमून बनाने का प्लान किया है।
पर्यटन कारोबार पर असर
रुपये के कमजोर होने से टूरिज्म बिजनेस पर असर सबसे ज्यादा पड़ा है। मई का महीना मुख्य सीजन का होता है। ऐसे में हर साल झारखंड से जाने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है, पर इस बार यह संख्या भी नहीं है। शहर के निजी टूर ऑपरेटरों के आंकड़ों की मानें तो अप्रैल से अबतक यूएस के लिए सिर्फ 10 से 12 ही पर्यटक झारखंड से रवाना हुए हैं। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 200 से ऊपर था।
लौटाने पड़ रहे पैसे
निजी टूर ऑपरेटर पंकज चौधरी बताते हैं, विदेश जाने वाले लोग अब इंक्वायरी के लिए भी नहीं आ रहे। पिछले कुछ दिनों में 10 से भी अधिक बैंकॉक और मलेशिया की बुकिंग कैंसिल हुई है। पैसे लौटाने पडे हैं। व्यापार अब सिर्फ अपने देश का ही रह गया है। स्काइलाइन टै्रवल की संचालिका सोनी मेहता कहती हैं, इस बार टूर ऑपरेटरों का व्यापार प्रभावित हुआ है। फ्लाइट का किराया बढ़ने से काफी असर पड़ा है। यूएस का किराया अब महंगा हो चुका है।
कहां कितना पड़ा अंतर
पैकेज पहले अब
यूएस टूर 1.50 लाख से 2. 50 तक 2 लाख से 4 लाख तक
यूरोप 1.40 लाख से 4 लाख तक 2.5 लाख से 5 तक
मलेशिया 55 हजार से 1.20 लाख 80 हजार 2 लाख 30 हजार तक
बैंकाक 35 हजार से 80 हजार 44 हजार से 90 हजार