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Jharkhand Budget Session: सत्‍ता पक्ष ने बजट को सराहा, बजट पर चर्चा के बहाने पिछली सरकार पर साधा निशाना

Jharkhand Budget Session. हंगामे और बहिष्कार के बीच सत्ता पक्ष ने कहा कि पहली बार इतना अच्छा बजट रहा। विधायक प्रदीप यादव इरफान अंसारी आदि ने बजट की सराहना की।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 10:10 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 10:10 PM (IST)
Jharkhand Budget Session: सत्‍ता पक्ष ने बजट को सराहा, बजट पर चर्चा के बहाने पिछली सरकार पर साधा निशाना
Jharkhand Budget Session: सत्‍ता पक्ष ने बजट को सराहा, बजट पर चर्चा के बहाने पिछली सरकार पर साधा निशाना

रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर पहले ही दिन से चल रहा हंगामा बुधवार को भी जारी रहा। भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने की मांग को लेकर वेल में आकर हंगामा किया। स्पीकर के बार-बार समझाने का भी कोई असर उनपर नहीं पड़ा। हंगामे के बीच ही मूल बजट पर चर्चा शुरू हुई। बाद में भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर दिया। हालांकि भाजपा विधायक अमर बाउरी द्वारा अपना वक्तव्य रखने के बाद ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू किया।

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विपक्ष के बहिष्कार के बीच हुई मूल बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने बजट की जमकर सराहना की। विधायकों ने कहा कि राज्य में पहली बार इतना अच्छा बजट पेश किया गया है जो आम जनता को राहत देनेवाला तथा दूरदर्शी है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने बजट पर चर्चा के बहाने पिछली सरकार के क्रियाकलापों पर उंगलियां उठाई और इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को निशाने पर लेने का प्रयास किया। विधायक प्रदीप यादव, इरफान अंसारी आदि ने बजट की सराहना की। इरफान ने कहा कि पिछली सरकार ने हाथी उड़ाने का काम किया। उनकी सरकार ऐसा नहीं करेगी।

किसने क्या कहा

बेरोजगारों को सरकार ने ठगा : अमर बाउरी

भाजपा विधायक अमर बाउरी ने बजट में बेरोजगारों का साल भर में पांच-सात हजार ही भत्ता देने के प्रावधान पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने बेरोजगारों को ठगने का ही काम किया। उन्होंने बजट पर चर्चा के बहाने गुदड़ी नरसंहार, जहरीली शराब से मौत तथा रांची में दिनदहाड़े हत्या के मुद्दे पर भी सरकार को निशाने पर लेने का प्रयास किया।

उद्योगों के पास 9529 करोड़ का जल कर बकाया : लंबोदर महतो

आजसू विधायक लंबोदर महतो ने बजट में जनजातीय विश्वविद्यालय तथा ओपेन यूनिवर्सिटी की स्थापना की पहल की सराहना की। उन्होंने राजस्व वसूली में तेजी लाने का सुझाव देते हुए कई बड़े उद्योगों व लोक उपक्रमों के पास 9529 करोड़ रुपये का जल कर बकाया होने की जानकारी दी। उन्होंने फर्जी कंपनी बनाकर 1800 करोड़ की जीएसटी चोरी की ओर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण का प्रावधान बजट में नहीं होने पर कहा कि इससे अनुबंधकर्मियों में निराशा है।

कौन गया इजरायल, हो जांच : बंधु तिर्की

विधायक बंधु तिर्की ने बजट को दूरदर्शी बताते हुए कहा कि यह राज्य को नया दिशा देगा। कहा, इस सरकार ने किसानों के 2000 करोड़ रुपये कर्ज माफ करने का काम किया। पिछली सरकार ने फर्जी किसानों को इजरायल भेजने का काम किया। उन्होंने इसकी जांच की भी मांग की। कहा कि विधानसभा भवन के निर्माण में भी लूट हुई है। उन्होंने छठी जेपीएससी परीक्षा में पदाधिकारियों द्वारा शब्दों का हेरफेर कर गलत नियमावली बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नई नियमावली बनाने में पदाधिकारियों के भरोसे न रहे।

सरकार क्या करेगी, यह बताना जरूरी : विनोद सिंह

माले विधायक विनोद सिंह ने श्वेत पत्र तथा आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र में मोमेंटम झारखंड, किसानों की मौत, स्कूलों के विलय के बारे में कुछ नहीं कहा गया। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी सरकार ने क्या किया, क्या कर रही है यही बताया गया है। सरकार क्या करेगी, इसका कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने मनरेगा कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी देने तथा टेट पास शिक्षकों के समायोजन पर जोर दिया।

विनोद सिंह ने एनपीआर पर लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की पहली पाली के दौरान बुधवार भाकपा (माले) विधायक विनोद सिंह ने एनआरपी पर कार्यस्थगन पेश कर सामान्य कार्य को स्थगित करते हुए इस विषय पर सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने झारखंड विधानसभा के नियम 54 के तहत अपना कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया। हालांकि स्पीकर ने इसे अमान्य करार दिया। विनोद सिंह ने कहा कि राज्य में अप्रैल से जनगणना एनपीआर के नए फार्मेट के तहत होने जा रही है। नया फार्मेट एनआरसी की ही पहली प्रक्रिया है।

नागरिकता कानून में संशोधन कर लागू किया जा रहा है। सीएए भी संविधान की प्रस्तावना पर चोट है। राज्य में इसके खिलाफ विरोध जारी है। इसकी मार गरीबों, भूमिहीनों, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों पर पड़ेगी। अत: सरकार जनगणना 2010 के फार्मेट पर कराए। साथ ही एनआरसी व सीएए के खिलाफ सदन से प्रस्ताव पारित कराया जाए। उन्होंने सारे कार्य रोककर इस विषय पर चर्चा की मांग की। स्पीकर ने विनोद सिंह के प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को पढऩे के साथ ही अमान्य करार दिया।


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