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विवि कर्मियों को तोहफा, मानदेय वृद्धि को हरी झंडी

रांची : रांची विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए अच्छी खबर। विश्वविद्यालय के कर्मियों व दैनिक वेतनभागियों के मानदेय में वृद्धि की गई है। बैठक कुल 19 एजेंडों पर चर्चा हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 10:20 AM (IST)
विवि कर्मियों को तोहफा, मानदेय वृद्धि को हरी झंडी
विवि कर्मियों को तोहफा, मानदेय वृद्धि को हरी झंडी

रांची : रांची विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए अच्छी खबर। विश्वविद्याल के कंप्यूटर ऑपरेटर, आंतरिक अंकेक्षक, थर्ड व फोर्थ ग्रेड के कर्मी सहित दैनिक भोगियों को राहत मिलेगी। महंगाई को देखते हुए रांची विश्वविद्यालय ने इन कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि का निर्णय लिया गया है। रांची विश्वविद्यालय मुख्यालय सभागार में कुलपति डॉ.रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की बैठक में मानदेय वृद्धि संबंधी प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाई गई। बैठक में 19 एजेंडों पर अंतिम मुहर लगाई गई।

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कंप्यूटर ऑपरेटर व आंतरिक अंकेक्षकों के मानदेय में प्रतिमाह चार हजार रुपये की वृद्धि की गई है। थर्ड व फोर्थ ग्रेड के कर्मचारियों को तीन हजार प्रतिमाह और दैनिक वेतनभोगियों को 90 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय में वृद्धि की गई है। वर्तमान समय में कंप्यूटर ऑपरेटर को 16,200 और 14,500 रुपये मिलते हैं। आंतरिक अंकेक्षक को 17000, 14500 और 12,000 मिलते हैं। थर्ड और फोर्थ ग्रेड को 12,860, 6,240 और 5,850 रुपये मिलता था। इसके अलावा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 360, 310 और 255 प्रतिदिन मानदेय मिलते थे। कर्मचारियों को बढ़ा हुआ मानदेय एक अप्रैल 2018 से मिलेगा।

बैठक में कुलपति डॉ.रमेश कुमार पांडेय सहित प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमारी, कुल सचिव अमर कुमार चौधरी, डीएसडब्लू बीके वर्मा, प्रॉक्टर दिवाकर मिंज, डॉ. प्रभात कुमार सिंह, डॉ. त्रिवेणी नाथ साहु, फुदो देवी, अर्जुन राम, बीएन टुडू, श्रवण कुमार ंिसह, डॉ. मनोज, डॉ. जीके श्रीवास्तव थे।

अनुकंपा के आधार पर नौकरी की स्वीकृति

विश्वविद्यालय के मृत कर्मचारियों और अंगीभूत कॉलेजों के मृत कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी दिए जाने की प्रस्ताव को भी सिंडिकेट की मंजूरी मिल गई है। सिंडिकेट की मुहर के बाद आश्रितों को नियुक्ति का इंतजार समाप्त हो गया है। बैठक के पूर्व 20 अप्रैल को अनुकंपा समिति ने मृत कर्मचारियों के आठ मामले को स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद इन्हें सिंडिकेट की स्वीकृति मिलने का इंतजार था। इसके पूर्व अनुकंपा समिति से पास होने के बाद ही आश्रितों को योग्यता के अनुसार तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण की जाती थी। कुलपति ने सिंडिकेट की स्वीकृति मिलने के बाद नियुक्ति का निर्णय लिया था। नव अंगीभूत कॉलेजों पर निर्णय 11 जुलाई को

सिंडिकेट की बैठक के एजेंडे में नव अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों की प्रोन्नति को भी शामिल किया गया था, लेकिन इसपर कोई सहमति नहीं बनी। इस संबंध में सिंडिकेट की अगली बैठक 11 जुलाई के एजेंडे में शामिल करने का निर्णय लिया गया। उम्मीद की जा रही है कि नव अंगीभूत कॉलेज के शिक्षकों को डेट ऑफ ज्वाइनिंग की तिथि से प्रोन्नति दी जाएगी। नव अंगभूत कॉलेज के शिक्षकों का यह मांग लंबे समय से चल रहा है।

दो शिक्षकों का लियन रद

रांची विश्वविद्यालय के मारवाड़ी कॉलेज के रसायनशास्त्र विभाग के सह प्राध्यापक डॉ.अनिल कुमार डेल्टा और जंतु विज्ञान विभाग की सहप्राध्यापक नयनी सक्सेना का लियन रद किया गया। इन दोनों को झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा प्राचार्य के पद पर चयनित होने के बाद हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय में पदस्थापन हुआ था। लेकिन, इन दोनों ने इस्तीफा दे दिया था। दोनों ने अपना लियन रद करने के लिए आवेदन दिया था। इसके अलावा ¨हदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. रत्‍‌नेश विशवाक्सेन को तीन वर्षो के लिए लियन स्वीकृत दी गई।

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शिक्षकों को मिली प्रोन्नति

जेपीएससी द्वारा लेक्चरर से रीडर और रीडर से प्रोफेसर पद प्रोन्नति पाने वाले शिक्षकों का प्रस्ताव भी बैठक में रखा गया। इसमें पीपीके कॉलेज बुंडू के डॉ. सुधाशु कुमार को लेक्चरर से रीडर पद पर प्रोन्नति दी गई। पीजी फिजिक्स के शिक्षक डॉ. अनंत कुमार अखौरी को रीडर से प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। इसी प्रकार केसीबी कॉलेज बेड़ो के डॉ. मथुरा राम उस्ताद को लेक्चरर से रीडर, माडर कॉलेज के डॉ. आभा खलखो को लेक्चरर से रीडर, पीपीके कॉलेज बुंडू के डॉ. कालिंदी कुमारी को लेक्चरर से रीडर, पीजी हिंदी के शिक्षक डॉ. ामेश्वर साहू को लेक्चरर से रीडर, बीएन जलान कॉलेज के डॉ. सुदेश कुमार साहू को लेक्चरर से रीडर पद पर प्रोन्नति दी गई।


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