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जनजातीय समाज के बीच जीवित है राष्ट्रवाद : होसबले

रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि भारत को भारत क

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 08:57 AM (IST)
जनजातीय समाज के बीच जीवित है राष्ट्रवाद : होसबले
जनजातीय समाज के बीच जीवित है राष्ट्रवाद : होसबले

रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि भारत को भारत के रूप में बनाने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद काम तो हुए परंतु भारत की आत्मा व चेतना प्रकट नहीं हुई। यदि ऐसा हुआ रहता तो भारत तेरे टुकड़े होंगे की आवाज देश में नहीं सुनाई पड़ती। इसलिए राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़कर भारत को मजबूत करना है। भारतीय समाज में विभेद पैदा करने का काम जारी है। इसके बाद भी जनजातीय समाज में राष्ट्रवाद जीवित है। वे मंगलवार को यहां प्रज्ञा प्रवाह के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।

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होसबले ने कहा कि वैचारिक गुलामी से बाहर निकलते हुए भारत को आगे ले जाना है। लोक शक्ति मजबूत होती जा रही है। इसे और मजबूत करने का प्रयास करना है। लोकमंथन देश-काल एवं परिस्थिति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। दो वर्ष पहले भोपाल में इसका आयोजन हुआ था। इस वर्ष रांची में आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इसमें सभी लोगों के सहयोग की जरूरत है।

कार्यक्रम में पद्मश्री अशोक भगत, प्रांत प्रचारक रविशंकर, सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल, प्रज्ञा प्रवाह के संगठन मंत्री रामाशीष जी, क्षेत्र सह संघचालक देवव्रत पाहन, प्रांत सह संघचालक अशोक श्रीवास्तव, रांची विभाग संघचालक ज्ञान प्रकाश जालान, केंद्रीय विवि के नंद कुमार इंदु, मयंक रंजन, गणेश रेड्डी, एकल के केंद्रीय पदाधिकारी ललन शर्मा सहित शहर के गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

भारतीय मूल्यों को रखना है जीवित : जे नंद कुमार

प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने मुख्य कार्यक्रम में अपने संबोधन के साथ ही बाद में अलग से पत्रकारों से भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत के मूल्यों को जीवित रखने की जरूरत है। इसके लिए समाज की सहभागिता जरूरी है। भारत में प्राचीन काल से संवाद की परंपरा थी। जो बीच के काल खंड में बंद हो गई। इसका असर समाज में दिखने लगा। लोक मंथन के माध्यम से इस संवाद को फिर से शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रांची के खेलगांव में आयोजित होनेवाले इस कार्यक्रम के संचालन के लिए समिति का गठन किया गया है। गौरवाध्यक्ष मुख्यमंत्री रघुवर दास को बनाया गया है। वहीं स्वागत समिति के संरक्षक मंडल में केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, खेल एवं कला मंत्री अमर बाउरी एवं मेयर आशा लकड़ा को रखा गया है। वहीं अध्यक्ष केंद्रीय विवि, रांची के कुलपति नंद कुमार इंदु एवं उपाध्यक्ष विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत एवं एसएन ठाकुर को बनाया गया है। कला, संस्कृति विभाग के सचिव आइएएस मनीष रंजन को आयोजन समिति का सचिव बनाया गया। भारत बोध जन-गण-मन थीम

आयोजन समिति के अध्यक्ष अमर बाउरी, सचिव जे नंद कुमार एवं संयोजक राजीव कमल बिटूट को बनाया गया है। सह संयोजक मयंक रंजन एवं कोषाध्यक्ष रणविजय होंगे। इस वर्ष का थीम भारत बोध जन-गण-मन है। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से 1000 के लगभग साहित्यकार, कलाकार, रंगकर्मी, नाट्यकर्मी सहित विविध क्षेत्रों के लोग भाग लेंगे। इनमें झारखंड के 250 से अधिक लोग रहेंगे।


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