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मोहन भागवत बोले- शिशु, बाल और किशोर स्वयंसेवक के कंधों पर संघ का भविष्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने धनबाद में अपने तीन दिवसीय झारखंड प्रवास के दूसरे दिन प्रांत स्तर के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिशु बाल और किशोर स्वयंसेवकों के कंधों पर भी संघ के भविष्य की जिम्मेदारी है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 07:50 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 07:50 AM (IST)
मोहन भागवत बोले- शिशु, बाल और किशोर स्वयंसेवक के कंधों पर संघ का भविष्य
मोहन भागवत बोले- शिशु, बाल और किशोर स्वयंसेवक के कंधों पर संघ का भविष्य। जागरण

रांची [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने धनबाद में अपने तीन दिवसीय झारखंड प्रवास के दूसरे दिन प्रांत स्तर के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिशु, बाल और किशोर स्वयंसेवकों के कंधों पर भी संघ के भविष्य की जिम्मेदारी है। उन पर हमें विशेष ध्यान देना है। ऐसे स्वयंसेवकों में समर्पित कार्यकर्ता और श्रेष्ठ व्यक्तित्व कैसे तैयार हों इस पर संघ के पदाधिकारियों को विशेष ध्यान देना है।

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संघ कार्यों को विस्तार देने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अब तक जो शाखाएं बंद हैं, उन्हें फिर से शुरू किया जाए। इसके लिए सभी अधिकारी शाखाओं में प्रवास करें। वर्ष 2024 तक हमें देश के सभी क्षेत्रों में पंचायत स्तर तक अपना काम किसी न किसी रूप में खड़ा करना है। संघ शताब्दी वर्ष 2025 तक हमें सभी पंचायतों तक पहुंचने का लक्ष्य रखना है।

शनिवार को धनबाद के राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में संघ प्रमुख ने दो सत्रों में संगठन और जागरण श्रेणी के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। संघ प्रमुख ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति अभी धीरे-धीरे नियंत्रित होती दिख रही है। फिर भी हमें सावधानी के साथ संघ कार्यों को बढ़ाना है। शाखाओं को शुरू करने के लिए सभी अधिकारी प्रवास शुरू करें। साथ ही समाज के अधिक से अधिक लोगों को संघ से जोडऩे के लिए भी सभी लोग मिलकर प्रयास करें। श्रीराम जन्मभूमि निधि संग्रह अभियान के दौरान जो लोग जुड़े, वैसे लोगों को भी संघ के साथ जोडऩे के लिए पहल करें।

शाखा के साथ-साथ कार्यकर्ता निर्माण पर भी देना है जोर

सरसंघचालक ने कहा कि हमें शाखा के साथ-साथ कार्यकर्ता निर्माण पर भी जोर देना है। समाज को जागृत करना है। उन्होंने ऐसे स्वयंसेवकों को भी जिम्मेदारी देने की बात कही जो संघ में ज्यादा समय नहीं दे पाते, लेकिन थोड़ा समय देने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्वयंसेवकों को एक से दो शाखाओं की जिम्मेदारी देकर कहा जाए कि जो हम तय करते हैं वह स्वयंसेवक कर रहे हैं कि नहीं इस पर ध्यान दें। रविवार को संघ प्रमुख धनबाद महानगर के मुख्य शिक्षक, कार्यवाह और प्रवासी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। गण्यमान्य लोगों के साथ भी

बातचीत करेंगे।


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