RSS के क्षेत्र सेवा प्रमुख बोले, दीपावली पर चीन में बने सामानों का करें बहिष्कार
अजय कुमार ने कहा कि दीपावली के अवसर पर चीन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति दीपक पटाखे बना कर करोड़ों रुपये कमा रही है। हम जब यह सभी वस्तुएं अपने देश में बनी हुई खरीदते हैं तो लाखों बंधुओं के घरों में दीपावली खुशियों से भर जाती है।
रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र (झारखंड-बिहार) के सेवा प्रमुख अजय कुमार ने लोगों से आह्वान किया है कि दीपावली पर चीन में बने सामान का पूरी तरह बहिष्कार करें। पटाखे, झालर, दीया से लेकर सजावट की सभी सामग्री स्वदेशी खरीदें। इसके लिए कुछ ज्यादा राशि खर्च करना पड़े तो भी तैयार रहें, लेकिन स्वदेशी सामान खरीदने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर चीन लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति, दीपक, पटाखे बना कर करोड़ों रुपये कमा रही है। हम जब यह सभी वस्तुएं अपने देश में बनी हुई खरीदते हैं तो लाखों बंधुओं के घरों में दीपावली खुशियों से भर जाती है। लेकिन हमारी अदूरदर्शिता के कारण दीपावली में लाखों गरीबों के घरों में अंधेरा छा जाता है। अंधकार में रोशनी का, अज्ञान में ज्ञान का दीपावली का संदेश देश के अपने उन लाखों भाई-बंधुओं के लिए कोरी कल्पना लगने लगती है।
वहीं दूसरी ओर करोड़ों रुपये खर्च करके चाइना अपनी सैन्य शक्ति के बल पर भारत के भूभाग को हथियाना चाहती है। उससे लोहा लेने के लिए भारत जैसे विकासशील राष्ट्र को भी विकास की बहुत बड़ी राशि सेना पर खर्च करनी पड़ती है। आइए हम सब देशवासी अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए संकल्प लें कि चाइनीज सामान का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।
विशेष रूप से दीपावली में लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति, दीपक, पटाखे, जो भी चाइना के द्वारा निर्मित है, उसे नहीं खरीदेंगे और दूसरों से भी नहीं खरीदने का आग्रह करेंगे। चाइना की मूर्ति, दीपक, पटाखा का बहिष्कार करके अपने लाखों बंधुओं के घरों में दीपावली की खुशियां लाएंगे और रोशनी जलाकर हम सच्ची दीपावली मनाएंगे।
कहा कि इस दीपावली में संकल्प लें कि देश को मजबूत करने में अग्रिम भूमिका का निर्वाह करेंगे और अपने देश के वीर सैनिकों के प्रति सच्चे नागरिक होने के कर्तव्य का पालन करेंगे। जब हम चाइना का पूर्ण आर्थिक बहिष्कार करेंगे, तभी विश्व में भारत की जय जय कार होगी। चीन में बने पटाखे हमारे सैनिकों के लिए मृत्यु की गोली बनती है। अतः दीपावली सिर्फ अपने लिए नहीं, अपने वीर सैनिकों के लिए भी मनाएं।