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RSS के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख बोले- भारतीय सिनेमा की शुरुआत ही इसके सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना से हुई थी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख आलोक कुमार ने कहा कि भारतीय सिनेमा की शुरुआत ही इसके सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना से हुई। लगभग हजार वर्ष पहले भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र दिया जिसे पांचवां वेद भी कहते हैं।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 12:40 PM (IST)
RSS के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख बोले- भारतीय सिनेमा की शुरुआत ही इसके सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना से हुई थी
भारतीय सिनेमा की शुरुआत ही इसके सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना से हुई थी। जागरण

रांची, जासं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख आलोक कुमार ने कहा कि भारतीय सिनेमा की शुरुआत ही इसके सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना से हुई। लगभग हजार वर्ष पहले भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र दिया जिसे पांचवां वेद भी कहते हैं। बाद में कालिदास आदि अन्य नाटककारों ने नाटक लिखे और मंचन किया। तुलसीदास की रामचरितमानस की रचना के पश्चात रामलीला मंडलियां बनी और समाज को दिशा देने लगी।

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देवी देवताओं की मूर्तियों को पहली बार कागज पर लाने का कार्य सर्वप्रथम राजा रवि वर्मा जी ने किया। बाद में ने मुंबई आ गए जहां भारतीय सिनेमा के भीष्म पितामह दादा साहब फाल्के उनके सानिध्य में आए और उनसे उनके शिष्य बन गए। बाद में महान चित्रकार रवि वर्मा से प्राप्त कैमरे से ही उन्होंने पहली भारतीय मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई और भारतीय फिल्म के निर्माण का श्रीगणेश किया। आज जरूरत है समाज को फिल्म के माध्यम से

सही दिशा देने की। वे बुधवार को चित्रपट झारखंड की ओर से आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। विद्या विकास समिति में आयोजित इस कार्यशाला का आयोजन फिल्म निर्माण की बारीकियों को समझने, फिल्मों को नया आयाम देने तथा इस क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से किया गया। इसमें 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो पूरी तरह निश्शुल्क था।

इस मौके पर कार्यशाला संयोजक नंद किशोर सिंह ने कहा कि देश की परंपरा और संस्कृति के ऊपर फिल्में बननी चाहिए। निर्माताओं को इस बारे में सोचना चाहिए और क्षेत्र में आगे आना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए आशा व्यक्त की कि यह कार्यशाला उनके जीवन में एक दिशा देने का काम करेगी। कार्यशाला निदेशक डॉ. सुशील कुमार अंकन ने कहा कि यह कार्यशाला उन लोगों को मंच देने का काम कर रही है जो सुदूर गांव में हैं एवं निर्माण में अभिरुचि रखते हैं। मौके पर शैलेद्र भट्ट, राजेंद्र प्रसाद, निरंजन कुमार, आरएसएस के प्रचार प्रमुख धनंजय सिंह, सह प्रचार प्रमुख संजय कुमार आजाद, दीपक प्रसाद, सुमित मित्तल, राकेश रमण, पियूष कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे।

भारतीय मूल्यों को फिर से स्थापित करने की जरूरत है : दिलीप कुमार

समापन सत्र को संबोधित करते हुए आरएसएस के प्रांत प्रचारक दिलीप कुमार ने कहा कि जरूरत है अपने भारतीय मूल्यों को फिर से स्थापित करने की। इसके लिए फिल्म निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत है। मौके पर आरएसएस के सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल, ललन सिंह एवं फिल्म निर्माता अजय कुमार सिंह ने प्रतिभागियों के बीच प्रमाणपत्र वितरित किए।


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