ये हैं झारखंड के सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले रास्ते, इधर जा रहे हैं तो रहें सतर्क Road Safety Week 2020
Road Safety Week 2020 रांची में में बरियातू रोड के बूटी मोड़ के समीप एक निजी अस्पताल के सामने डीपीएस चौक नेपाल हाउस मोड़ के पास ब्लैक स्पॉट बन गया है।
रांची, [फहीम अख्तर]। Road Safety Week 2020 रांची जिले के ब्लैक स्पॉटों पर हर दिन छह सड़क हादसे हो रहे हैं। पिछले वर्ष 2019 में रांची में 1850 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 350 से अधिक की मौत हुई है। जबकि वर्ष 2018 में कुल 538 सड़क हादसे हुए। इसमें 363 लोगों की मौत हुई। जबकि 328 लोग घायल हुए हैं। ये आंकड़े डराने वाले हैैं। ये आंकड़ें लगातार बढ़ रहे हैैं। हैरानी की बात यह है कि ब्लैक स्पॉटों को दुरुस्त करने की दिशा में जिम्मेवार कदम नहीं उठा रहे।
ब्लैक स्पॉट की पहचान तो हुई पर ठोस कदम नहीं उठाए गए
ब्लैक स्पॉटों की पहचान और इसकी सुधार की कई बार योजनाएं बनी। लेकिन अबतक सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। कुछ जगहों पर सुधार हुआ, लेकिन अधूरे काम की वजह से हादसों पर लगाम नहीं लगा है। रांची मेें जो ब्लैक स्पॉट हैैं उनमें कई तीखे मोड़ हैं। कहीं घाटी, तो कहीं डायवर्सन हैं। एफआइआर के आधार पर ये सर्वे किए गए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने कई बार ऐसे जगहों को दुरुस्त करने के लिए पत्राचार किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कार एक्सीडेंट होते हैं ज्यादा
रांची व आसपास मोटरसाइकिल हादसों की तुलना में कार एक्सीडेंट का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। यहां प्राइवेट कारों की वजह से जहां 12 प्रतिशत एक्सीडेंट होते हैं, वहीं कमर्शियल कारों से होने वाले रोड एक्सीडेंट का आंकड़ा 45 प्रतिशत है। इसकी वजह इन कार चालकों का अनट्रेंड व कम पढ़ा लिखा होना है। चूंकि चालकों को न तो ट्रैफिक सेंस होता है, न सिग्नल और इंडिकेशंस की समझ। ऐसे में हमेशा चालक हादसों के शिकार हो रहे हैं।
स्पीड गवर्नर के नाम पर खानापूर्ति
सूबे में स्पीड गवर्नर के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। चालू कंपनियों के स्पीड गवर्नर वाहनों में लगाए जा रहे हैं। इन स्पीड गवर्नर के टेस्टिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि सरकार ने वाहनों के लिए स्पीड गवर्नर को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन इसे चेक करने के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वाहनों में लगे स्पीड गवर्नर के क्वालिटी की न तो जांच हो रही है और न ही उसपर मुहर लगा रही है। ऐसे में यहां वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है।
दुर्घटनाओं के सर्वाधिक शिकार होते हैं युवा
सड़क हादसों में मरने वालों में सर्वाधिक युवा ही होते हैं। तेज रफ्तार, हाई स्पीड बाइक और ड्राइविंग का रोमांच उनकी जान ले रहा है। राजधानी की ही बात करें तो रांची के चारों तरफ बने रिंग रोड पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। चकाचक रिंग रोड पर रफ्तार का रोमांच दुर्घटनाओं का सबब बन रहा है। सिर में चोटें आती हैं और नतीजा मौत।
शहर में मिट गए जेब्रा क्रॉसिंग व स्टॉप लाइन
शहर के जेब्रा क्रॉसिंग मिट चुकी है। जहां दिख रहीं, वो गलत ढंग से बने हैं। ऐसे में किसी भी चौक या पोस्ट पर रुकने के बजाए लोग आगे बढ़ जाते हैं। इससे एएनपीआर कैमरे से लगातार चालान कट रहे हैं। जो जाम और दुर्घटना दोनों के कारण बनता है।
सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले रास्ते
- रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग : यहां पहले तीखे मोड़ थे, लेकिन वर्तमान में सड़क निर्माणाधीन है, जिससे उबड़-खाबड़ रास्ते तो हैं हीं, जहां-तहां स्पीड पर नियंत्रण खोने से अचानक हादसे हो जाते हैं। सर्वाधिक हादसे तैमारा घाटी के पास होती है।
- रांची रिंग रोड : राजधानी से सटे ङ्क्षरग रोड पर गति अवरोधक के बावजूद सड़क अच्छी होने के कारण वाहनों की स्पीड अत्याधिक होती है, जो दुर्घटना का कारण बनती है।
- रांची-खूंटी मार्ग : सड़क संकरी है। वन लेन होने है। वाहनों की अत्याधिक स्पीड के कारण पहाड़ी क्षेत्र की इस सड़क पर वाहन के सामने नियंत्रण खो जाता है, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।
- रांची-गुमला मार्ग व रांची डालटनगंज : रांची से गुमला और रांची से डालटनगंज मार्ग भी वन लेन है। बीच में डिवाइडर भी नहीं और सड़क भी संकरी है। ऐसे में वाहनों के लिए स्पीड लिमिट संकेतक का नहीं होना दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है।
- कांटाटोली से ओरमांझी : वन लेन, पतली सड़क और जहां-तहां गडढे यहां दुर्घटनाओं के सबसे बड़े कारण हैं। इरबा से लेकर ब्लॉक चौक पर अनावश्यक कट और पर्याप्त जेब्रा क्रॉसिंग के नहीं रहने से लगातार हादसे हो रहे।
- रांची-लोहरदगा रोड : इस रोड में रातू के बाद मांडर, चान्हो व बिजूपाड़ा तक कई ब्लैक स्पॉट हैं। जहां सड़क हादसे हो रहे हैं।
- रांची-रामगढ़ रोड : ओरमांझी से आगे बढऩे पर चुटूपालू घाटी में तीखे मोड़ की वजह से लगातार हादसे होती है।
- रांची-पतरातू रोड : कांके चौक के बाद असुरक्षित कट और टर्निंग। नया फ्लाइओवर के पास बेतरतीब टर्निंग से हादसे हो रहे हैं। इसके बाद पिठोरिया से नीचे उतरने पर भयंकर घाटी मिलती है। जो, हादसों की वजह है।
'ब्लैक स्पॉटों की वैज्ञानिक सर्वे के लिए परिवहन विभाग को लिखा गया है। ताकि खामियों की पहचान कर दुरुस्त किया जा सके। ब्लैक स्पॉट पर सावधानी और सतर्कता भी जरूरी है। -अजीत पीटर डुंगडुंग, ट्रैफिक एसपी रांची।
सड़क पर गड्ढे हादसे को कर रहा आमंत्रित
शहर में कई जगहों पर गड्ढे खोदकर छोड़ दिया गया है। ये हादसे को आमंत्रित कर रहे हैं। कहीं खंभे लगाने के लिए, कहीं केबल बिछाने के लिए खोदा गया है। इन खोदाई से भी वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है। इससे सड़क हादसे हो रहे हैं। गड्ढों से सड़क में अपनी साइड से हटकर चलना पड़ रहा है। इससे सामने से टक्कर की संभावनाएं बढ़ गई है। फिलहाल ओल्ड एचबी रोड, बरियातू रोड, चुटिया पटेल चौक सहित कई जगहों पर गड्ढे खोदे गए हैं।