बजने वाली थी शहनाई, परिवार में पसरा मातम
रांची : बेटी की शादी तय करने जा रहा सुरेंद्र विश्वकर्मा का परिवार खुशी से झूम रहा था। विश्वकर्मा परिवार के घर में जल्द ही ही शहनाई बजने वाली थी। लेकिन सड़क हादसे ने कई लेागों की जान ले ली।
रांची : बेटी की शादी तय करने जा रहा सुरेंद्र विश्वकर्मा का परिवार खुशी से झूम रहा था। विश्वकर्मा परिवार के घर में जल्द ही शहनाई बजने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही पूरे परिवार में मातम फैल गया। विश्वकर्मा परिवार समेत पूरी कॉलोनी के लोग यह हादसा सुनकर चौंक गए। एक ही परिवार के चार लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। परिवार के सदस्यों का शव पहुंचने के बाद लोग खुद को रोक न सकें। हर किसी की आंखे नम हो गई। महिलाओं का रो-रो कर हाल बुरा था। जबकि, पुरुष उन्हें संभालने में लगे हुए थे। घर के सामने जमीन पर सुरेंद्र विश्वकर्मा, श्रवण विश्वकर्मा और अमित कुमार विश्वकर्मा का शव रखा हुआ था। कॉलोनी में लोगों की होड़ लगी हुई थी। इधर, सड़क हादसे में मौत की सूचना मिलने के बाद पैतृक गांव से भी कई लोग आवास पर पहुंचे थे।
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सुरेंद्र ने पवन को भी कहा था लोहरदगा जाने के लिए
सुरेंद्र विश्वकर्मा ने मंझले बेटे पवन कुमार विश्वकर्मा को भी लोहरदगा साथ चलने कहा था। लेकिन, घर में कोई पुरुष न रहने के कारण नहीं गया। उसने कहा कि पिताजी हंसी खुशी से गाड़ी में बैठे थे और कहा था कि जल्द ही शादी की बात करके शाम तक लौट आएंगे, लेकिन घर से निकलने से दो घंटे बाद सड़क दुर्घटना की सूचना मिली और पूरे परिवार में मातम पसर गया।
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सांत्वना देने भी नहीं पहुंचे जेल प्रशासन के अधिकारी
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा आवासीय परिसर में सुरेंद्र विश्वकर्मा समेत परिवार के सदस्यों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ था। केंद्रीय कारा के एक-एक कर्मचारी सुरेंद्र विश्वकर्मा के घर पर पहुंचे थे। लेकिन, जेल प्रशासन का एक भी अधिकारी सांत्वना देने तक नहीं पहुंचा। कॉलोनी के लोग आपस में तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे। जेल प्रशासन के अधिकारियों को लोग भला बुरा कह रहे थे।