रिम्स में वेंटिलेटर टेक्नीशियनों ने बकाया वेतन की मांग को लेकर किया हंगामा Ranchi News
RIMS Ranchi News Jharkhand Hindi Samachar कर्मियों का कहना है कि उन्हें ना ही वेतन दिया जा रहा है और ना ही प्रबंधन की ओर से उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। आदेश के अनुसार इन कर्मियों से 10 अगस्त तक ही सेवा ली गई।
रांची, जासं। कोरोना काल में आउटसोर्स से रिम्स में बहाल किए गए 749 कर्मियों ने अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर रिम्स अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। इन सभी कर्मियों को वेंटिलेटर टेक्नीशियन के रूप में मई माह में आउटसोर्स कंपनी टी एंड एम ने बहाल किया था। एजेंसी की ओर से वेतन नहीं मिलने से कर्मी काफी आक्रोशित हैं। कर्मियों का कहना है कि उन्हें ना ही वेतन दिया जा रहा है और ना ही प्रबंधन की ओर से उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।
तीन महीना पूरा हो जाने के बाद कर्मियों को काम से हटाने का आदेश निर्गत हो चुका है। आदेश के अनुसार इन कर्मियों से 10 अगस्त तक ही सेवा ली गई। अब इस आदेश का ये कर्मी विरोध करने लगे हैं। आउटसोर्स कर्मियों की मांग है कि उनकी सेवा बहाल रहने दी जाए। अगर रिम्स में जगह नहीं है, तो अन्य जिलों में उनकी पोस्टिंग की जाए। इसको लेकर कर्मियों ने पहले भी सोमवार को रिम्स निदेशक कार्यालय के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था। इसके बाद प्रबंधन ने बरियातू थाने को सूचित कर पुलिस बल मंगवाया और लोगों को शांत कराया।
अनुबंध के आधार पर रिम्स या जिला अस्पतालों में रखा जाए
आउटसोर्स कर्मियों ने बताया कि उन्हें रिम्स के तरफ से एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया है। अब तक तीन महीने का वेतन भी नहीं दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने मांग की कि अनुबंध के आधार पर उन्हें रिम्स या फिर किसी जिला अस्पताल में काम पर रखा जाए। कोरोना काल में ड्यूटी कराकर ऐसे हटा देना उचित नहीं है। इसके अलावा उन्होंने अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तर्ज पर प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग की।
20 अगस्त तक अकाउंट में पैसा भेजने का आश्वासन
अब तक आउटसोर्सकर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है। इसको लेकर जब वे शनिवार को सीएम आवास घेरने जा रहे थे, तब रिम्स प्रबंधन ने अपने स्तर से मानदेय के भुगतान की बात कही थी। प्रबंधन ने कहा कि 20 अगस्त तक कर्मियों के खाते में पैसे भेज दिए जाएंगे। इसके लिए सभी को 10 अगस्त तक बैंक खाते का डिटेल जमा करने के लिए कहा गया था। कर्मियों का कहना है कि हम यहां से चले जाएंगे, लेकिन उसके बाद पैसे मिलेंगे या नहीं, इसकी गारंटी कौन लेगा।