दिल की धड़कनों को नहीं सुन रहा रिम्स, इको मशीन खराब, मरीज परेशान
3 महीने से खराब है रिम्स का इको मशीन इलाज में चिकित्सकों को भी हो रही परेशानी रिम्स से
3 महीने से खराब है रिम्स का इको मशीन
इलाज में चिकित्सकों को भी हो रही परेशानी
रिम्स से करीब 50 से 60 मरीजों का नहीं हो रहा इको
निजी संस्थान या हेल्थ मैप का लेना पड़ रहा है मरीजों को सहारा जागरण संवाददाता रांची : अगर आपका दिल ठीक ढंग से धड़क नहीं रहा है और सीने में दर्द है तो रिम्स जाने से पहले एक बार जरूर सोचे। क्योंकि जहां इस मर्ज का इलाज है, वही रिम्स दूसरे के सहारे मरीजों का इलाज कर रहा है। क्योंकि कार्डियोलॉजी विभाग का इको मशीन पिछले 3 महीने से खराब पड़ा है । यही वजह है कि रिम्स जाने के बाद मरीजों को सहूलियत के बदले उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। यह रिम्स की लापरवाही है कि 3 महीने से कार्डियोलॉजी विभाग में इको मशीन काम नहीं करने के कारण रोजाना 50 मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। इको कराने के लिए पहले से ही 2 महीने का वेटिग चल रहा था। लेकिन बीते 3 महीनों तक इको को ठीक नहीं करने से यह समस्या और बढ़ गई है। इको मशीन के बिना कार्डियोलॉजी विभाग अधूरा है। इस मशीन के माध्यम से मरीज के हार्ट की पंपिग को देखा जाता है। इको मशीन पिछले 3 महीने से खराब है। ऐसी स्थिति में मरीजों को निजी संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है। या फिर हेल्थ मैप सही अधिक राशि देकर मरीजों को जांच कराना पड़ता है। जबकि रिम्स में सिर्फ 180 रुपये जांच के लिए मरीजों को देना पड़ता है। लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं वहां जाकर भी अपना इलाज नहीं करा पाते हैं। उन्हें रिम्स पर ही आश्रित रहना पड़ता है। ऐसे में मरीजों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। रिम्स में पूरे प्रदेश सहित अन्य प्रदेश से भी मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं । कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा कई बार इको मशीन ठीक करने को लेकर रिम्स प्रबंधन को कहा गया है। इसके बावजूद मामले को लेकर रिम्स प्रबंधन में कोई गंभीरता नहीं दिखी। पिछले कई वर्षों से दूसरा इको मशीन खरीदारी को लेकर टेंडर होते रहे हैं लेकिन अभी तक रिम्स को दूसरा इको मशीन नहीं मिल सका।