RIMS Ranchi: नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से रिम्स के लैब टेक्नीशियनों में रोष, बोले- करेंगे सामूहिक आत्मदाह
RIMS Ranchi News चयन के 9 महीने बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद भी लैब टेक्नीशियन रिम्स में लगातार सेवा में डटे रहे। कहा कि 7000 वेतन में परिवार का गुजारा नहीं हो रहा है।
रांची, जासं। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आउटसोर्स पर कार्यरत 33 लैब टेक्नीशियन जो राज्य के एकीकृत कोविड सेंटर फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। इन्हें पिछले 9 माह से नियुक्ति का आस देकर छला जा रहा है। इन्होंने रिम्स शासी परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर उनसे मदद मांगी है। पत्र में कहा है कि यदि अस्पताल प्रबंधन उन्हें जल्द से जल्द ज्वाइनिंग नहीं देता तो वे सभी परिसर में ही सामूहिक आत्मदाह के बाध्य होंगे।
पत्र में उन्होंने कहा है कि उनके बार-बार अनुरोध के बाद भी रिम्स प्रबंधन उनकी नियुक्ति को स्थगित कर रहा है। लैब टेक्नीशियनों का कहना है कि लगातार कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बाद भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कई लोग ड्यूटी के दौरान संक्रमित भी हो चुके हैं। बावजूद चयन सूची निकलने के बाद भी लगातार टालमटोल किया जा रहा है।
27 जनवरी को निकला चयन सूची
लैब टेक्नीशियन का परिणाम 27 जनवरी को प्रकाशित हुआ था। जबकि प्रबंधन द्वारा 8 फिजियोथैरेपिस्ट की नियुक्ति कर ली गई और सभी अपने पद पर पहुंच भी हो गए। जबकि टेक्नीशियन, जो पिछले छह महीनों से कोविड के स्वाब सैंपल की टेस्टिंग में शामिल हैं, उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई। तकनीशियनों ने कहा कि 7000 रुपये वेतन में परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है।
जीबी के सदस्य समरी लाल टेक्नीशियनों के साथ, प्रबंधन को लिखेंगे पत्र
इधर, रिम्स जीबी के सदस्य व कांके के विधायक समरी लाल ने कहा कि वे चयनित लैब टेक्नीशियनों के साथ हैं। उन्होंने सांसद संजय सेठ के साथ मिलकर रिम्स प्रबंधन को एक कड़ा पत्र भी लिखने की बात कही है। आगे कहा कि यह सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की ईमानदारी को दर्शाता है। जिन्होंने सभी नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की है। अगर मंत्री बन्ना गुप्ता जल्द जीबी की बैठक नहीं बुलाते हैं तो वे इस मामले को राज्यपाल के पास लेकर जाएंगे।
हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग व रिम्स को सकारात्मक जवाब देने का दिया था निर्देश
इधर, नियुक्ति नहीं मिलने से आक्रोशित चयनित लैब टेक्नीशियनों ने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने बीते 9 जुलाई को ही उन्हें कोरोना हीरो करार देते हुए स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन को इस मुद्दे पर चार सप्ताह के भीतर सकारात्मक जवाब देने का निर्देश दिया था। यह प्रबंधन की ओर से अब तक नहीं दिया गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने 10 सितंबर 2020 को अपने उत्तर में स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य विभाग की भूमिका इन नियुक्तियों में नहीं है। यह निदेशक के स्तर से की जा सकती है।