तीन माह से नहीं मिला वेतन, रिम्स किचन के कर्मचारी के पास पिता के इलाज के पैसे नहीं
अमन मिश्रा रांची रिम्स किचन में कर्मियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके कारण कर्मियों की परेशानी बढ़ गई है।
अमन मिश्रा, रांची : रिम्स किचन में काम करने वाले कर्मचारी इश्तेखार आदिल के पिता हार्ट की बीमारी से जूझ रहे हैं। इश्तेखार सिर्फ पैसे के अभाव में पिता का इलाज नहीं करा पा रहा। कारण किचन संचालन कर रही एजेंसी द्वारा पिछले तीन माह से वेतन भुगतान नहीं किया गया है। जबकि यह कर्मचारी साप्ताहिक अवकाश में भी नहीं रहता। पिछले कई दिनों से इश्तेखार का रो-रोकर बुरा हाल है। इस सोच में परेशान है कि पिता का इलाज आखिर कैसे कराए। किचन में सिर्फ इश्तेखार ही नहीं, बल्कि 80 से अधिक कर्मचारी भुखमरी के कगार पर हैं। सभी को रिम्स किचन प्रबंधन द्वारा पिछले तीन माह से वेतन नहीं दिया गया है। सभी गरीब परिवार के लोग यहां कम वेतन में अपना गुजर बसर करते हैं। ऐसे में जब एक माह का वेतन नहीं मिलता तो परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है। इन सभी से तीन माह से बगैर वेतन दिए सेवा ली जा रही है। किचन संचालक का प्रबंधन से चार करोड़ बकाया
किचन को रिम्स प्रबंधन ने पिछले 11 माह से मरीजों को भोजन कराने के बदले मिलने वाली निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया है। यह राशि बढ़कर 4 करोड़ हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि किचन के मैनेजर ने अब तक 8 बार से अधिक रिम्स प्रबंधन को आवेदन देकर अपनी समस्या से अवगत करा चुका है कि अगर उन्हें भुगतान नहीं किया गया तो कभी भी मरीजों का खाना बंद हो सकता है। इसके बावजूद 11 महीने से रिम्स प्रबंधन किचन का 4 करोड़ दबाए रखा है। इधर, जब पूरे मामले पर किचेन के मैनेजर जयप्रकाश गिरी से बात करने की कोशिश की गई तो उसने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। अस्पताल में इलाजरत मरीजों को तीन वक्त का भोजन देने का प्रावधान : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में हर रोज मरीजों को तीन वक्त का भोजन देने का प्रावधान है। प्राइम सर्विस के द्वारा डाइट के अनुसार मरीजों को खाना दिया जाता है। रिम्स में अभी लगभग 1400 मरीजों का इलाज हो रहा है। नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना मिलाकर हर रोज 4200 मरीजों को खाना दिया जाता है। रिम्स प्रबंधन के द्वारा पैसे का भुगतान नहीं होने के कारण कंपनी किसी भी वक्त मरीजों को दिए जाने वाले भोजन को बंद कर सकती है।