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    रिम्स में दवाओं की चोरी का खुलासा: डायरेक्टर ने मानी गड़बड़ी, एमएस और स्टोर इंचार्ज को जारी हुआ शो-काज नोटिस

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    रिम्स में दवाओं की चोरी का मामला सामने आया है, जिसकी पुष्टि निदेशक ने की है। चिकित्सा अधीक्षक और स्टोर इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं, और निदेशक ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि दवाओं की सुरक्षा में चूक क्यों हुई।

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    रिम्स में दवाओं की चोरी का खुलासा। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में दवाओं की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खुद रिम्स निदेशक ने स्वीकार किया है कि अस्पताल के स्टोर से दवाएं निकलने के बाद चोरी हो रही हैं।

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    इस खुलासे के बाद निदेशक ने तत्काल एमएस और स्टोर इंचार्ज को शो-काज नोटिस जारी किया है तथा तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। दरअसल शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी बुंडू सड़क हादसे के घायलों से मिलने रिम्स पहुंचे थे।

    निरीक्षण के दौरान उन्होंने घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उपचार की जानकारी ली और चिकित्सकों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की और घायलों को व्यक्तिगत आर्थिक मदद भी प्रदान की।

    निरीक्षण में खुली रिम्स की खामियां

    निरीक्षण के दौरान परिजनों ने मंत्री से शिकायत की कि अस्पताल में न तो दवाएं उपलब्ध हैं और न ही सही जांच की सुविधा। परिजनों ने कहा रिम्स में हर बार दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है। डॉक्टर का नाम पूछने पर डराया जाता है।

    हम गरीब लोग बाहर से कैसे दवा खरीदें। इस पर मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई और रिम्स निदेशक को फटकार लगाते हुए तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। रिम्स निदेशक ने कहा कि दवाओं की चोरी हो रही है।

    लाखों रुपये की दवा की खरीदारी के बावजूद मरीजों तक दवा नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि पहले कुछ डाक्टर मरीजों को जरूरत से ज्यादा दवाएं लिखते थे, जिससे उनका कमीशन बनता था, लेकिन अब यह प्रथा बंद की गई है। इसके बावजूद दवाएं गायब हो रही हैं।

    मंत्री ने जताई सख्त नाराज़गी

    निरीक्षण के दौरान जब मंत्री ने देखा कि मरीज के परिजन दवा बाहर से खरीदकर ला रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि अगर यहां दवा नहीं है तो मरीज रिम्स क्यों आएंगे। यह मेडिकल कालेज है, कोई मज़ाक नहीं। अब हमें ही रोज़ निरीक्षण करना पड़ेगा क्योंकि आप लोगों से नहीं हो पा रहा है। जो डाक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई करें।

    उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी वार्डों का नियमित निरीक्षण हो और मरीजों की शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि दवा सप्लाई में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    प्राइवेट अस्पतालों पर भी गिरेगी गाज

    मंत्री ने कहा कि कई प्राइवेट अस्पताल 4-5 लाख रुपये वसूलने के बाद मरीजों को रिम्स भेज देते हैं। उन्होंने इसे गरीबों के साथ अपराध बताया और कहा कि अब ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे अस्पतालों की सूची तैयार कर जांच की जाए।

    निदेशक ने लिया संज्ञान, मांगा जवाब

    स्वास्थय मंत्री ने निरीक्षण के बाद निदेशक ने खुद वार्ड में जाकर निरीक्षण किया और शिकायत करने वाले लोगों से मिला। परिजनों ने अपनी बातों को रखा और निदेशक ने उनके सामने ही एक्शन लिया और कार्रवाई की।

    रिम्स निदेशक ने कहा कि दवाईयां कहा जाती है और इसके पीछे कौन कौन है। निदेशक ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तुरंत एमएस और स्टोर विभाग को शो-काज नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।