RIMS के डॉक्टर ने आयुष्मान के मरीज से बाहर से मंगाई दवा, यूनिट इंचार्ज से हटाए गए
Ranchi. रिम्स मेडिसीन के यूनिट इंचार्ज डॉ. उमेश प्रसाद पर गाज गिरी है। उन्होंने अपनी यूनिट में भर्ती आयुष्मान मरीज को बाहर से दवा लाने के लिए कहा था।
रांची, जासं। रिम्स मेडिसीन के यूनिट इंचार्ज डॉ. उमेश प्रसाद पर गाज गिरी है। डॉ. प्रसाद ने अपनी यूनिट में भर्ती आयुष्मान मरीज को बाहर से दवा लाने के लिए कहा था। जब मामले की जानकारी निदेशक डॉ. डीके सिंह को मिली तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉ. उमेश को विभाग के इंचार्ज पद से हटा दिया। निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि जिन दवाओं की खरीदारी कराई गई है, वे बेकार हैं।
मरीज के इलाज से उसका कोई ताल्लुक नहीं है। दवाइयां निम्न स्तर की हैं, जो शिरप के रूप में है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी। बैठक में मामले पर निर्णय लिया जाएगा। जब तक बैठक नहीं होती तब तक डॉ. उमेश प्रसाद मेडिसीन के इंचार्ज से हटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि चूंकि न्यायालय के आदेश के मुताबिक डॉ. उमेश प्रसाद लालू प्रसाद का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में वे उनका इलाज करते रहेंगे।
क्या था पूरा मामला
रिम्स के मेडिसीन विभाग में डॉ. उमेश प्रसाद की यूनिट में लक्ष्मी देवी का इलाज चल रहा था। डॉ. उमेश प्रसाद ने राजधानी मेडिकल नामक दुकान से दवा लाने के लिए कहा था। बताया जा रहा है कि यह दुकान उनके किसी परिचित का है। इसके लिए वे मरीज के परिजन पर बार-बार दबाव भी दे रहे थे। इसकी शिकायत मरीज के परिजनों ने युवा, खेलकूद विभाग मंत्री अमर कुमार बाउरी से की।
इसके बाद मंत्री अमर कुमार बाउरी ने इसकी लिखित जानकारी रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह को दी। जानकारी मिलते ही निदेशक डॉ. डीके सिंह ने डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. संजय कुमार व मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विवेक कश्यप के साथ मिलकर डॉ. उमेश प्रसाद यूनिट की जांच की। शिकायतकर्ता मरीज के पुर्जे को देखा। जहां मामले को सही पाया। इसके बाद उन्होंने डॉ. उमेश प्रसाद को यूनिट इंचार्ज के पद से हटा दिया।
आयुष्मान भारत के तहत हो रहा इलाज
शिकायतकर्ता मरीज का इलाज रिम्स में आयुष्मान भारत के तहत हो रहा है। इसके बाद भी डॉ. उमेश प्रसाद ने मरीज के परिजन को बाहर से दवाई लाने को कहा। जबकि रिम्स में आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने वाले मरीजों को सभी तरह की दवाइयां अस्पताल से ही देना है। अगर किसी तरह की आवश्यक दवा खरीदना पड़े तो उसके लिए रिक्वीजिशन देना होता है।
डॉ. उमेश प्रसाद को पहले भी इसी तरह के मामले को लेकर समझाया जा चुका है। उन्होंने बात को गंभीरता से नहीं लिया। हमने तत्काल निर्णय लेते हुए उन्हें यूनिट इंचार्ज के पद से हटा दिया है। उन्हें मामले की जांच और निर्णय होने तक निदेशक कार्यालय में हाजिरी लगानी होगी। -डॉ. डीके सिंह, निदेशक, रिम्स।
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