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48 घंटे में कृत्रिम दांत बनाकर देगा रिम्स का डेंटल कॉलेज

रांची रिम्स डेटल कॉलेज के प्रयासों के कारण कृत्रिम दांतों से भी अब लोग खिलखिला सकते हैं। डेटल कॉलेज कृत्रिम दांत लगा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 01:58 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 06:15 AM (IST)
48 घंटे में कृत्रिम दांत बनाकर देगा रिम्स का डेंटल कॉलेज
48 घंटे में कृत्रिम दांत बनाकर देगा रिम्स का डेंटल कॉलेज

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स डेटल कॉलेज के प्रयासों के कारण कृत्रिम दांतों से भी अब लोग खिलखिला रहे हैं। पहले कृत्रिम डेंचर बनाना काफी मुश्किल था, लेकिन अब इसे महज 48 घंटे में ही तैयार किया जा रहा है। रिम्स अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप ने बताया कि विभाग ने 48 लोगों को नए डेंचर तैयार कर दिए गए हैं। इन सभी का पहले से निबंधन किया गया था। उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ इसे बनाने में महीनों का समय लगता था। लेकिन अब इसे महज 48 घंटों में पूरा किया जा रहा है। प्रोस्थोडोंटिक्स विभाग के साथ पूरे रिम्स के लिए यह गर्व की बात है। रिम्स के डेंटल कॉलेज के प्रोस्थोडोंटिक्स विभाग में बुधवार को प्रोस्थोडोंटिक्स दिवस पर उन्होंने ये बातें कहीं।

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कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रिम्स अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप, विशिष्ट अतिथि डॉ. सीबी शर्मा व डेंटल के विभागाध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश शामिल हुए। कार्यक्रम में डेंचर (कृत्रिम दांतों की पंक्ति) की प्रदर्शनी दिखाई गई। इस दौरान दांतों से संबंधित अलग-अलग बीमारियों के हिसाब डेंचर प्रदर्शनी भी लगी थी। इसमें दांतों के लिए स्पेशल ट्रे, एनाटॉमिकल लैडमाक्स, स्टॉक ट्रे, प्राइमरी इमप्रेशन, ऑक्ल्यूशल रिम, सॉफ्ट स्पि्लंट आदि सांचाओं को दिखाया गया।

विभाग के डॉ. मनीष ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों में कृत्रिम दांतों के प्रति जागरुकता लाना है। बताया कि दांत शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। दांत का आकार छोटा होता है, लेकिन उसकी बारीकियां काफी है। उन्होंने बताया कि इसकी बारीकियों को पांच साल के बीडीएस की कोर्स करने के बाद समझा जा सकता है। कृत्रिम दांत बनाना किसी आविष्कार से कम नहीं है।

कार्यक्रम में बीडीएस की छात्राएं भी थीं।

लोगों में जागरूकता लाना जरूरी : डॉ. विवेक कश्यप ने कहा कि एक मात्र सरकारी डेंटल कॉलेज रिम्स में है। इस विभाग में बहुत से नई-नई बीमारियों का इलाज अत्याधुनिक तरीके से हो रहा है। रिम्स के अन्य विभागों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। डॉ. सीबी शर्मा ने कहा कि कृत्रिम दांतों का डेंचर बनाकर मरीजों को कम अवधि में लगाना यह विभाग के लिए काफी लाभदायक है। प्रोस्थोडोंटिक्स विभाग के एचओडी डॉ. जयप्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


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