मैट्रिक के परिणाम में भारी गिरावट, 1 लाख 73 हजार बच्चे फेल
पिछले 14 वर्षो में सबसे खराब रिजल्ट, महज 59.48 फीसद पास, पिछले साल की अपेक्षा रिजल्ट में 8.35 फीसद गिरावट
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने मंगलवार को माध्यमिक परीक्षा (मैट्रिक)-2018 का भी परिणाम जारी कर दिया। इंटरमीडिएट साइंस के बाद इस परीक्षा का भी परिणाम हताश करनेवाला है। मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस बार महज 59.48 फीसद बच्चे पास हुए हैं जो चौदह साल का सबसे खराब रिजल्ट है। पिछले साल 67.83 फीसद बच्चे सफल हुए थे। इस लिहाज से पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष परिणाम में 8.35 फीसद की गिरावट आई। पिछले सात साल में रिजल्ट में इतनी अधिक गिरावट कभी नहीं हुई थी। इस परीक्षा में लातेहार स्थित नेतरहाट आवासीय विद्यालय के छात्र तुषार रंजन स्टेट टॉपर घोषित हुए हैं। इन्हें 500 में 488 अंक मिले हैं। दूसरे नंबर पर इसी स्कूल के अमित कुमार रहे। इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की अमीषा कुमारी 486 अंकों के साथ राज्य में तीसरे स्थान पर रही।
छात्रों का प्रदर्शन बेहतर :
इस परीक्षा में शामिल 4 लाख 28 हजार 389 विद्यार्थियों में 1 लाख 73 हजार 559 विद्यार्थी फेल हो गए। इसमें छात्रों का प्रदर्शन छात्राओं की तुलना में बेहतर रहा है। छात्रों का रिजल्ट 61.79 फीसद रहा है, जबकि छात्राओं में 57.29 फीसद छात्राएं पास हुई हैं। जिलों की बात करें तो हजारीबाग का परिणाम सबसे बेहतर रहा है। यहां 74.75 फीसद बच्चे सफल हुए हैं। अंतिम पायदान पर लातेहार रहा, जहां महज 38.19 फीसद बच्चे सफल हुए। बेहतर परिणाम में रांची और पूर्वी सिंहभूम क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है। शिक्षा मंत्री नीरा यादव का जिला कोडरमा बेहतर रिजल्ट में बारहवें स्थान पर है।
------------
किस श्रेणी में कितने पास
प्रथम श्रेणी : 23 फीसद
द्वितीय श्रेणी : 27 फीसद
तृतीय श्रेणी : 09 फीसद
----------
किस कोटि का कैसा रिजल्ट (आंकड़े प्रतिशत में)
सामान्य : 64.58
अनुसूचित जाति : 50.40
अनुसूचित जनजाति : 54.21
पिछड़ी जाति : 63.15
अत्यंत पिछड़ी जाति : 62.23
-------------
चार जिलों में आधे से अधिक बच्चे फेल
मैट्रिक की परीक्षा में पांच जिलों में आधे से अधिक बच्चे फेल हो गए हैं। इनमें पाकुड़, चतरा, गढ़वा तथा लातेहार शामिल हैं। गोड्डा में भी लगभग आधे बच्चे फेल हो गए हैं।
----------
कोट
रिजल्ट की समीक्षा की जाएगी। इस बार सीसीटीवी कैमरे की नजर में कदाचार मुक्त परीक्षा हुई थी। इस कारण भी रिजल्ट में अंतर आ सकता है। बच्चों और शिक्षकों को भी मेहनत करने की आवश्यकता है।
-नीरा यादव, मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग।