अपनी जान जोखिम में डाल काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स का करें सम्मान
वैश्विक महामारी कोरोना से आई संकट की इस घड़ी में हमें धैर्य व साहस से काम लेना चाहिए। कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, रांची : वैश्विक महामारी कोरोना से आई संकट की इस घड़ी में हमें धैर्य व साहस से काम लेना होगा। सभी देशवासियों के लिए ये परीक्षा की घड़ी है। अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करना होगा। इस संकट ने लोगों को एक सबक भी दिया है कि सभी को प्रकृति के प्रति आस्था रखनी चाहिए। प्रकृति से अधिक छेड़छाड़ व मानवीय जीवन के असंगत, गलत जीवन शैली से प्रकृति में भार बढ़ता जा रहा है। हमें इस मूल भाव को समझना चाहिये। आज मातृ दिवस है, लेकिन हमारे लिए हर दिन माता को समर्पित है। जिस प्रकार माता के कारण जगत का अस्तित्व है ठीक उसी समान मातृभूमि के सुरक्षित अस्तित्व के चलते ही हम सभी भारतवासियों का अस्तित्वव है। हमें अपने मातृभूमि के प्रति वफादार होना चाहिए। उक्त बातें साध्वी सरस्वती ने हिंदू जागरण मंच, झारखंड की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कही।
साध्वी सरस्वती ने कहा कि हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिए कोरोना फाइटर के खिलाफ किए गए दुर्व्यवहार से सभी शर्मशार हैं। भला कोई अपने ही डॉक्टर्स, नर्स, सफाई कर्मचारी पर हमला कैसे कर सकता है। जो साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि स्वरूप डॉक्टर्स,नर्स काम कर रहे हैं उन्हें सम्मान देना चाहिए। उनका हौसला बढ़ाना चाहिए। भारत के नेतृत्व पर भरोसा रखें
कहा, वर्तमान भारतीय नेतृत्व पर देशवासियों को भरोसा करना चाहिए। भारत पूरी तरह सुरक्षित हाथों में है। कोरोना के संकट को जिस तरह नियंत्रित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षता दिखाई है आज विश्व उसका गुणगान कर रहा है। साधु संतों पर हमला प्रलय का आमंत्रण
पालघर में लॉकडाउन के दौरान सैकडों लोगों द्वारा दो साधुओं की निर्मम हत्या मानवता पर कलंक है। सुनियोजित साजिश के तहत निर्दोष निरीह संतों की हत्या की गई। दुर्भाग्य देखिये, महाराष्ट्र की राजनीतिक नेतृत्व पूरे मामले को लीपापोती करने में लगा हुआ है। संत समाज,सनातन समाज पर अत्याचार बन्द हो। जिहाद व आतंकवाद का महिमामंडन बंद हो
बीते दिनों कश्मीर में सेना द्वारा मारे गए आतंकवादी को एक वर्ग विशेष द्वारा महिमामंडन किया गया। ये देश में आतंकवाद को खाद पानी देने के समान है। यदि आतंकी सोच को हम समाज के सामने गुणगान करके परोसेंगे तो देश का भविष्य व समाज का स्वरुप भविष्य में किस दिशा में जायेगा, कभी इसपर लोगों ने विचार किया है। जिहादी ताकतें देश को कमजोर करने में तुली हुई हैं।