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पीपीई किट के लिए के 15 हजार दो, फिर मिलेगा क्लेम, मारपीट

निजी अस्पतालों ने कोरोना महामारी में मरीजों की लाचारी को धंधा बना लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 02:03 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 06:20 AM (IST)
पीपीई किट के लिए के 15 हजार दो, फिर मिलेगा क्लेम, मारपीट
पीपीई किट के लिए के 15 हजार दो, फिर मिलेगा क्लेम, मारपीट

जागरण संवाददाता, रांची : निजी अस्पतालों ने कोरोना महामारी में मरीजों की लाचारी को धंधा बना लिया है। पहले थर्मल स्क्रीनिग के नाम पर निजी अस्पताल से 100 रुपये की मांग और अब राजभवन के समीप जगन्नाथ अस्पताल से पीपीई किट के बदले मरीज के परिजन से 15 हजार रुपये मांगने का मामला प्रकाश में आया है। हटिया स्थित सिंह मोड़ के रहने वाला एक मरीज शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। इस दौरान मरीज का दायां पैर टूट गया। परिजन उसे लेकर जगन्नाथ अस्पताल पहुंचे, जहां से शनिवार को बगैर इलाज कराए ही उन्हें मरीज को डिस्चार्ज कराकर दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा। दरअसल, मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद एक निजी स्वास्थ्य बीमा कंपनी मेडिअसिस्ट के प्रतिनिधि ने बीमा का क्लेम देने से मरीज को मना कर दिया और उनके साथ मारपीट भी की।

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मरीज की बेटी खुशी ने बताया कि जब वे अस्पताल पहुंचे और बीमा का लाभ लेने के लिए गए तो कंपनी के प्रतिनिधि ने उनसे कहा कि पहले पीपीई किट के लिए 15 हजार जमा करो उसके बाद क्लेम मिलेगा। जब परिजनों ने इसका विरोध किया तब प्रतिनिधि ने उसके भाई और मां के साथ मारपीट की। परिजनों ने पैसे भुगतान के बाद बिल की मांग की तो उन्हें बिल भी नही दिया गया। कहा गया कि कोरोना के लिए पीपीई किट की राशि निर्धारित की गई है। इसका बिल नहीं मिलेगा। अस्पताल प्रबंधन ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया।

उलटा एफआइआर की दी धमकी : इधर, मरीज की बेटी खुशी ने कहा कि शनिवार की सुबह इलाज शुरू नहीं हुआ था। अस्पताल प्रबंधन ने बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से बात करने को कहा। जब वे बात करने पहुंचे तो कंपनी के प्रतिनिधि ने उलटा परिजनों के खिलाफ एफआइआर करने की धमकी दी। विवाद बढ़ने के बाद परिजन मरीज को डिस्चार्ज कराकर दूसरे अस्पताल ले गए। अस्पताल प्रबंधन का पक्ष लेने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।


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