JRSU में घोटालों का बड़ा गड़बड़झाला: ताला तोड़ गायब की गई भ्रष्टाचार की फाइलें, कुलपति और कुलसचिव आमने-सामने
एक ओर जहां झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी में 15 जून की शाम करीब 7 बजे रजिस्ट्रार कार्यालय का ताला तोड़कर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रांची: झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव आमने सामने आ चुके हैं। दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ऑफिस से 10 महत्वपूर्ण फाइलें गायब हैं, जिससे घोटाले की बू आ रही है, यहां तक कि फाइल के पन्नों पर व्हाइटनर गिरा दिए गए हैं, ताकि गड़बड़झाले का पता न चल पाए।
गड़बड़ी करने वाले इतने शातिर निकले की असिस्टेंट रजिस्ट्रार ऑफिस के दो कंप्यूटरों के हार्डडिस्क को क्रैश कर दिया है। इसमें दर्ज सभी डाटा डिलीट हो गए हैं। रजिस्ट्रार कर्नल डॉ राजेश कुमार ने इस संबंध में 16 जून को गोंदा थाना में एफआईआर दर्ज कराई है।
गोंदा थाने में दर्ज एफआईआर में लिखा गया है कि 15 जून को शाम सात बजे पता चला कि रजिस्ट्रार कार्यालय ताला टूटा हुआ है जबकि रजिस्ट्रार अवकाश पर हैं। रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से जुड़े अन्य कर्मियों ने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफिस का ताला तोड़े जाने की कड़ाई से जांच की गई तो बड़ी गड़बड़ी सामने आएगी। बता दें कि यूनिवर्सिटी के पूर्व वित्त पदाधिकारी सत्य प्रकाश ने भी अपनी रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी में वित्तीय गड़बड़ी का उल्लेख किया था।
मालूम हो कि झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी में अभी गर्मी की छुटि्टयां चल रही हैं। कैंपस में शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों का आना जाना नहीं है। इस कार्यालय में गोपनीय और महत्वपूर्ण संचिकाएं हैं, जिनमें छेड़छाड़ किए जाने का अंदेशा है। कुछ फाइलें गायब हैं, इसलिए कार्रवाई की जाए। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ गंभीर मामलों को मिटाने का प्रयास चल रहा है।
शनिवार शाम से पुलिस ने शुरू की जांच
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस शनिवार की शाम 7 बजे रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी मुख्यालय पहुंची। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए। पता चला कि सीसीटीवी का डीवीआर वीसी के कमरे में लगा है। वहीं दूसरी ओर रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी के वीसी पीके नायडू पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। अब जांच के बाद ही सारे तथ्य सामने आ पाएंगे।
बता दें कि आरोपों की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की गई है। इसके अध्यक्ष अवर सचिव रियाज अहमद हैं। वीसी पीके नायडू पर लगे आरोपों से जुड़ी फाइलें रजिस्ट्रार कार्यालय में थीं। ऐसे में जांच के दौरान फाइलों की चोरी और दस्तावेजों पर व्हाइटनर डालना जांच को प्रभावित करने की बड़ी साजिश लग रही है।
कुलसचिव के ये हैं आरोप
- कुलपति हर माह वेतन मद में अधिक राशि लेते हैं।
- कुलपति दो वाहनों का उपयोग कैसे कर रहे हैं।
- नियम खिलाफ अपने बच्चों का शिक्षा एलाउंस कैसे ले लिया।
- वित्तीय नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
- गर्वनिंग बाडी की अनुमति के बिना शुल्क राशि उत्कर्ष स्माल बैंक में रखना।
- यूनिवर्सिटी की फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए किया।
- अस्थाई भवन के मरम्मत में एक करोड़ से अधिक राशि खर्च करना जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
कुलपति के ये हैं आरोप
- झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी में हुई चोरी की घटना निराधार है।
- बदनाम करने के लिए यह साजिश कुलसचिव एवं सहायक कुलसचिव द्वारा की गई है।
- यूनिवर्सिटी के सीसीटीवी का मेन कंट्रोल सहायक कुलसचिव के रूम में स्थापित है।
- कुलसचिव अपनी गलतियों को छुपाने के लिए इस तरह का कार्य करा रहे हैं।
- कुलसचिव अपने निर्धारित वेतनमान से अत्यधिक वेतन ले रहे हैं, विभाग द्वारा इसकी जांच होनी चाहिए।
- कुलसचिव की नियुक्ति पूर्व में अनुबंध पर की गई थी वित्तीय अनियमितता के कारण इन्हें यूनिवर्सिटी से हटा दिया गया था, इस संबंध की संचिका कुलसचिव द्वारा यूनिवर्सिटी से गायब कर दी गई है।
- कुलसचिव द्वारा जेपीएससी के माध्यम से सहायक कुलसचिव की स्थाई नियुक्ति करा दी गई है।
- कुलसचिव अपने निजी आवास पर यूनिवर्सिटी के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों से काम कराते हैं।
- इन्होंने लगभग 7 वाहन चालकों को काम से हटा दिया है।
- यूनिवर्सिटी में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को काफी प्रताड़ित करते हैं।
- कुलसचिव द्वारा अपने आवास पर निजी समारोह में यूनिवर्सिटी का झंडा, झारखंड सरकार एवं सेना का झंडा का उपयोग किया गया था।
- कुलसचिव यूनिवर्सिटी के वाहन अपने निजी उपयोग के लिए रखे हुए हैं, इन वाहनों में ईंधन का खर्च यूनिवर्सिटी द्वारा वहन किया जाता है
- कुलसचिव द्वारा पूर्व में तत्कालीन कुलसचिव को बदनाम करने के लिए इसी तरह की साजिश की गई थी।
जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो निराधार है। तीन माह पूर्व ही सभी मामलों की जांच हो चुकी है। रिपोर्ट भी राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जा चुकी है। जानबूझकर अराजक माहौल उत्पन्न किया जा रहा है, ताकि कुछ लोग इसका फायदा उठा सके। पुलिस ने मामले की जांच की है और सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
पीके नायडू, वीसी, झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, रांची।

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