झारखंड से करोड़ों का चूना लगाकर फरार हुई रिचार्ज एप कंपनी
रांची झारखंड के डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से करोड़ों रुपये समेटकर रिचार्ज कंपनी फरार हो गई।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड के डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से करोड़ों रुपये समेटकर रिचार्ज करने वाली एक कंपनी क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड का संचालक फरार हो गया। लालपुर के डंगराटोली स्थित पेंटालून शो-रूम के समीप जैक्सन प्लाजा स्थित कंपनी के कार्यालय में शनिवार की सुबह केवल कर्मी मिले, जिसे लालपुर पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस ने कंपनी के दफ्तर से कुछ दस्तावेज जब्त किए और कंपनी को सील कर दिया है। देर रात लालपुर थाने में 25 डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स की ओर से 80 लाख ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। हालांकि कंपनी ने झारखंड के कई जिलों में फर्जीवाड़ा किया है। इससे ठगी का आंकड़ा करोड़ों पार कर सकता है।
कंपनी के संचालक के आधार कार्ड के अनुसार आरोपित का नाम अवुला फनी कुमार है। आधार कार्ड के अनुसार वह कर्नाटक के बेंगलुरु के संत थॉमस टॉउन, करमचन ले-आउट, लिंगराजपुरम, 8वीं क्रास नंबर 11 का निवासी है। उसके अलावा उसके दो सहयोगी मधु व विजय भी फरार हो गए हैं। रांची के हरमू में कंपनी संचालक का आवास भी था, जहां ताला लटका हुआ है। तीनों ही आरोपितों के खिलाफ भुक्तभोगियों ने लालपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
ऐसे बनाया शिकार और फंसे दुकानदार :
क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड करीब एक साल पहले झारखंड में अपने कर्मियों के माध्यम से रिचार्ज करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से संपर्क की। उन्हें अपने एप्लीकेशन (एप) के बारे में उन्हें बताया और कहा कि गूगल प्ले स्टोर से इसे आप डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप से रिचार्ज करने पर दो से पांच फीसद तक कमीशन मिलेगा। अधिक कमीशन मिलने पर डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स इस एप का उपयोग भी करने लगे। अच्छा कमीशन मिलने लगा। कोई भी परेशानी होने पर डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स लालपुर स्थित कार्यालय में संपर्क करते थे।
एप का नाम 'क्रेजी ट्रांसफर' :
क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के इस एप का नाम 'क्रेजी ट्रांसफर' है। डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स के अनुसार इसमें मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज, पोस्टपेड बिलिंग, लैंड लाइन बिलिंग, इलेक्ट्रिसिटी बिलिंग व मनी ट्रांसफर के फीचर्स थे।
..और रातो-रात फरार हो गई कंपनी :
भुक्तभोगियों ने बताया कि पिछले दो दिनों से कंपनी के पदाधिकारी यह दबाव बना रहे थे कि बैंक तीन-चार दिन के लिए बंद हो रहे हैं, इसलिए वे रिचार्ज के लिए बैलेंस ले लें। आनन-फानन में रिचार्ज बैलेंस के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स ने 50 हजार रुपये से 20 लाख रुपये तक कंपनी क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के दोनों खाते आइसीआइसीआइ बैंक कल्याण ईस्ट महाराष्ट्र (खाता नंबर 698305600663) व एचडीएफसी बैंक की कल्याण महाराष्ट्र (50200038790925) में रुपये डाल दिए। शुक्रवार की शाम चार बजे के बाद एप ने काम करना बंद कर दिया। जब कंपनी के संचालकों के नंबर पर भुक्तभोगियों ने फोन लगाना शुरू किया, तो सभी मोबाइल बंद मिले। इसके बाद शक होना शुरू हुआ। दूसरे ही दिन यानी शनिवार को सुबह दस बजे सभी कंपनी के दफ्तर में पहुंचे तो सिर्फ कर्मी मिले, जिन्हें संचालकों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद पुलिस के सहयोग से कंपनी के दफ्तर में छापेमारी हुई और दस्तावेज आदि जब्त हुए। दो महिला व तीन पुरुष कर्मी पुलिस हिरासत में हैं। कंपनी को सील कर दिया गया है।
ये हैं कुछ भुक्तभोगी, जिन्हें लगाया चूना :
- दिलीप कुमार, बरियातू : 20 लाख रुपये।
- अभिषेक कुमार, विद्यानगर, करम चौक : 13 लाख रुपये।
- मिथुन कुमार, धनबाद : दो लाख रुपये।
- प्रवीण कुमार मोदी, धनबाद : 10 लाख रुपये।
- पंकज कुमार, गंगानगर, हरमू, तीन लाख रुपये।
- अरुण गोप, खेलगांव : ढाई लाख रुपये।
- पवन कुमार राणा, हरमू : तीन लाख रुपये।
- गणेश कुमार, आरागेट, टाटीसिलवे : 4.50 लाख रुपये।
- जितेंद्र कुमार, चुटिया : 50 हजार रुपये।