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झारखंड में पटरी पर लौट रहा रियल इस्टेट, बढ़ी मांग

रांची अनलॉक-1 में झारखंड के लोग कुछ और करें अथवा नहीं फ्लैट खरीदने को लेकर बहुत ही गंभीरता से सोच रहे हैं। यही कारण है कि मध्यम आकार के फ्लैट को लेकर मध्यम वर्ग की जिज्ञासा न सिर्फ बढ़ी है बल्कि खरीदारी की भी शुरुआत हो चुकी है। होम लोन पर ब्याज की दर भी कम होने का लोग फायदा उठाना चाहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 01:53 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 01:53 AM (IST)
झारखंड में पटरी पर लौट रहा रियल इस्टेट, बढ़ी मांग
झारखंड में पटरी पर लौट रहा रियल इस्टेट, बढ़ी मांग

रांची : अनलॉक-1 में झारखंड के लोग कुछ और करें अथवा नहीं, फ्लैट खरीदने को लेकर बहुत ही गंभीरता से सोच रहे हैं। यही कारण है कि मध्यम आकार के फ्लैट को लेकर मध्यम वर्ग की जिज्ञासा न सिर्फ बढ़ी है, बल्कि खरीदारी की भी शुरुआत हो चुकी है। होम लोन पर ब्याज की दर भी कम होने का लोग फायदा उठाना चाहते हैं। हालांकि, बड़े निवेशक अभी भी पूरी प्रक्रिया से कुछ दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन जिज्ञासा उनकी भी कम नहीं हो रही है। बहरहाल, गृह निर्माण को लेकर उत्साह का एक बड़ा कारण बालू-गिट्टी समेत अन्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होना भी है।

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रियल इस्टेट कारोबार से संबंधित कारोबारियों के संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा बताते हैं कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जो वस्तुत: घर बनाना या खरीदना चाहते हैं। निवेश और खासकर बड़े पैमाने पर निवेश के इच्छुक लोगों की संख्या में कोई खास इजाफा अभी नहीं हुआ है। कुमुद झा के अनुसार छोटे आकार के फ्लैट को लेकर जिज्ञासा करनेवाले लोगों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ी है। बैंकों में ब्याज दर कम होने का असर भी बाजार पर हुआ है। वर्षो से घर खरीदने का मन बना चुके लोगों के लिए ब्याज दरों का कम होना भी एक बेहतर अवसर की तरह है। खरीदारों की संख्या अभी और बढ़ती अगर महिलाओं के नाम पर एक रुपये में निबंधन की योजना को चालू रखा जाता। इस योजना के बंद होने से अब लोगों को अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं।

आर्किटेक्ट अनुपम देव बताते हैं कि छोटे निवेशकों और घर खरीदने वालों की संख्या अभी और बढ़ेगी। बाजार के स्थिर होने का लाभ मिलेगा। कुछ विशेषज्ञ यह भी मानकर चल रहे हैं कि बाजार अभी तीन-चार महीनों तक धीरे-धीरे बढ़ता ही रहेगा। एक कारण यह भी है कि बिल्डरों ने कीमतों के अधिक इजाफा नहीं किया है। हालांकि, सीमेंट और छड़ की कीमत जरूर बढ़ी है। ईट पर प्रति इकाई 50 पैसे की बढ़ोतरी हुई है, जो बरसात में कहीं ना कहीं अधिक होती थी।

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