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घुरती रथयात्रा आज, अपने घाम लौटेंगे प्रभु जगन्नाथ

रांची हरिशयनी एकादशी तिथि शुक्रवार को प्रभु जगन्नाथ भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपने धाम पधारेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 01:49 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:35 AM (IST)
घुरती रथयात्रा आज, अपने घाम लौटेंगे प्रभु जगन्नाथ
घुरती रथयात्रा आज, अपने घाम लौटेंगे प्रभु जगन्नाथ

जागरण संवाददाता, रांची : हरिशयनी एकादशी तिथि शुक्रवार को प्रभु जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा मौसीबाड़ी से अपने धाम लौटेंगे। दोपहर दो बजे तक भगवान का दर्शन सुलभ होगा। दोपहर तीन बजे भगवान के विग्रहों को रथारूढ़ कराया जाएगा। इसके बाद श्रीविष्णु सहस्त्रनामार्चना आरंभ होगी। श्रीविष्णु अष्टकम, का पाठ होगा। श्रद्धालु सामूहिक रूप से भगवान की आरती उतारेंगे। इसके बाद 4.15 बजे जयकारे के बीच भगवान का रथ जगन्नाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेगा। करीब सवा घंटे में भगवान मंदिर पहुंचेंगे। इस दौरान रथ का रस्सी खींचने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मचेगी। सात बजे तक सभी विग्रहों को मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश कराया जाएगा। अपने धाम लौटने पर भगवान की 108 की आरती उतारी जाएगी। भोग निवेदन किया जाएगा। इसके बाद भगवान को शयन कराया जाएगा।

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सुबह छह बजे आरंभ हुआ दर्शन

नौ दिनी प्रवास के अंतिम दिन की पूजा अराधना सुबह पांच बजे आरंभ हुई। प्रथम पूजन के बाद सुबह छह बजे मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। अंतिम दिन होने के कारण बड़ी संख्या में भक्त भगवान का दर्शन करने के लिए पहुंचे। दिनभर भीड़ लगी रही। भगवान को विशेष प्रकार का गुंडिचा भोग लगाया गया। गुंडिचा भोग में भगवान को खीर और खिचड़ी का भोग लगाया गया। इसके बाद भव्य महाभंडारे में हजारों भक्तों के बीच यही भोग प्रसाद बांटे गए। देर शाम तक प्रसाद वितरण जारी रहा। संध्या आठ बजे आरती में विशेष महाआरती के बाद दर्शन बंद कर दिया गया।

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देवी को मनाने के बाद भगवान कर पाएंगे प्रवेश

मान्यता है कि भगवान के नौ दिनी प्रवास से देवी लक्ष्मी रूठ जाती हैं। जब भगवान अपने धाम पहुंचते हैं तो मां लक्ष्मी के आदेश से मंदिर का दरबाजा बंद कर दिया जाता है। काफी मान-मनौव्वल के बाद जब मां लक्ष्मी मानती हैं तभी मंदिर में प्रभु का प्रवेश होता है। इस रश्म के दौरान प्रभु जगन्नाथ और मां लक्ष्मी की ओर से पुरोहितों में वाद-विवाद भी होता है।


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