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दूर-देश में मिसाल बन गई यह रानी मिस्त्री, शौचालय निर्माण में दिखाया झारखंड का दम

रांची के कांके की रहनेवाली सीता कच्छप ने अपने गांव नगड़ी में करीब 198 शौचालय का निर्माण कराया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 03:49 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 03:49 PM (IST)
दूर-देश में मिसाल बन गई यह रानी मिस्त्री, शौचालय निर्माण में दिखाया झारखंड का दम
दूर-देश में मिसाल बन गई यह रानी मिस्त्री, शौचालय निर्माण में दिखाया झारखंड का दम

रांची, जासं। सीता देवी उर्फ सीता कच्छप ने अपनी स्वयं सहायता समूह की दीदियों के साथ मिलकर अपने गांव नगड़ी में करीब 198 शौचालय का निर्माण कराया है। रानी मिस्त्री, नगड़ी ग्राम प्रखंड कांके रांची से है। विश्व शौचालय दिवस 2018 के अवसर पर विशेष रूप से पेयजल एवम स्वच्छता मंत्रलय, भारत सरकार द्वारा उन्हें दिल्ली बुलाया गया था और पैनल डिस्कशन में भाग लेने का अवसर प्रदान किया गया।

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इनमें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रलय के सचिव परमेश्वरन अय्यर, यूनिसेफ इंडिया के निकोलस ऑस्बेर्ट एवं रांची की ’रानी मिस्त्री सीता कच्छप’ ने विशेष चर्चा में शिरकत की। सीता कच्छप ने चर्चा में बताया कि तीन दिन के प्रशिक्षण के बाद वे लोग शौचालय निर्माण के लिए तैयार हो गए थे। सभी रानी मिस्त्री मिलकर 198 शौचालय बनाए। प्रारंभ में घर वाले और गांव वाले विरोध किए कि निर्माण का काम पुरूषों का है न की महिलाओं का। इसके बावजूद महिलाओं ने शौचालय बनाया और पुरुष मिस्त्री की तुलना में बेहद आकर्षक और सुंदर बनाया।

सीता ने पैनल डिस्कशन में शामिल को आमंत्रण भी दिया है कि वह गांव नगड़ी आकर शौचालय को देखें। उसने बताया कि महिला लेबर को पहले मजदूरी के तौर पर 200 रुपये मिलते थे पर अब 400 रुपये मजदूरी मिलती है। उन्होंने बताया की वो महिला समूह से जुडी है, जहां उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी दी गयी थी। रानी मिस्त्रियों से जुड़ने से पूर्व विभाग में मिस्त्री की समस्या हो रही थी। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रलय ने भी झारखंड की रानी मिस्त्री के कार्यो को सराहा और दूसरों को उनसे प्रेरणा लेने की बात कही।

नजरिये में आया बदलाव : नगड़ी की रहनेवाली महिलाएं सीता कच्छप को अपना आर्दश मानती हैं। वो कहती हैं रानी मिस्त्री के कारण महिलाओं का सशक्तीकरण हुआ है। गांव की महिलाएं अब खुद भी अपना उद्यम स्थापित करना चाहती हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की भी भूमिका रही है।


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