झारखंड को गौरवान्वित कर रहीं रानी मिस्त्रियां : राज्यपाल
केंद्र ने की है सराहना दूसरे राज्य भी कर रहे अनुकरण बाल पत्रकारों ने रोके बाल विवाह राज्
केंद्र ने की है सराहना, दूसरे राज्य भी कर रहे अनुकरण, बाल पत्रकारों ने रोके बाल विवाह, राज्यपाल ने की सराहना रांची, राब्यू : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड में शौचालय निर्माण का कार्य कर रहीं रानी मिस्त्रियों (महिला राजमिस्त्री) की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये झारखंड को गौरवान्वित करने का काम कर रही हैं। राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री ने भी स्वच्छता के क्षेत्र में इनके कार्यो की सराहना की है तथा कई राज्य इनका अनुकरण करते हुए वहां भी रानी मिस्त्री बनाने का काम कर रहे हैं।
राज्यपाल गुरुवार को राजभवन के बिरसा मंडप में यूनिसेफ के भारत में 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल सिमडेगा की रानी मिस्त्री प्रफुल्लित कुजूर से रूबरू हुई। कुजूर ने बताया कि उसने 170 शौचालयों का निर्माण अन्य महिलाओं के साथ मिलकर किया। राज्यपाल यूनिसेफ द्वारा तैयार की गई बाल पत्रकारों रसिया उरांव, नेहाती सांगा, सपना कुमारी से भी रूबरू हुई।
बाल पत्रकारों ने बताया कि किस तरह उन्होंने बाल मजदूरी तथा बाल विवाह के विरोध में लड़ने तथा कई बच्चियों को बाल विवाह व बाल मजदूरी से बचाकर स्कूल पहुंचाने का काम किया। राज्यपाल ने इन सभी के कार्यो की काफी सराहना की। इस बीच बाल पत्रकारों ने राज्यपाल से कुछ सवाल भी किए, जिनका उन्होंने जवाब दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी माता-पिता से बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण को लेकर जागरूक होने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि खुले में शौच से मुक्त करने के बाद सरकार स्वजल योजना के तहत हर घर में नल का जल पहुंचाने का काम कर रही है। आदिम जनजाति के 14 हजार टोलों में सौर ऊर्जा आधारित पेयजल आपूर्ति शुरू करने की योजना है। मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव सतेंद्र कुमार सिंह, यूनिसेफ की स्टेट चीफ डॉ. मधुलिका जोनाथन व अन्य उपस्थित थे।
झारखंड में 38 फीसद होता है बाल विवाह :
राज्यपाल ने झारखंड में बाल विवाह को गंभीर सामाजिक कुरीति बताया। कहा कि बाल विवाह मामले में झारखंड चौथे स्थान पर है और वर्तमान में लगभग 38 फीसद बच्चियों की शादी 18 वर्ष से पहले करा दी जाती है। हालांकि, इससे निपटने के लिए सरकार ने एक्शन प्लान बनाया है, जिसके तहत ही मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू की गई है।
इस योजना के तहत सरकार जन्म से लेकर 18 वर्ष होने तक सात किस्तों में लड़कियों को 40 हजार रुपये प्रदान करेगी।
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