कोरोना काल में 'हेल्पिंग रांची पीपल' ग्रुप बना जरूरतमंदों की मदद में जुटी युवाओं की टोली
कोरोना संक्रमण ने सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ दिया है। अपने मुंह फेर रहे हैं। हालात ऐसी है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद परिजनों को स्वास्थ्य सुविधा से लेकर खाने-पीने तक की जरूरी चीजों के लिए मुंह ताकना पड़ जाता है। वहीं फलां परिवार के लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
रांची [नीलमणि चौधरी] । कोरोना संक्रमण ने सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ दिया है। अपने मुंह फेर रहे हैं। हालात ऐसी है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद परिजनों को स्वास्थ्य सुविधा से लेकर खाने-पीने तक की जरूरी चीजों के लिए मुंह ताकना पड़ जाता है। वहीं, फलां परिवार के लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं ऐसी सूचना मिलते ही साथ होली-दीवाली मनाने वाले मुहल्लेवाले गैरों की तरह व्यवहार करते हैं। मानो कोरोना संक्रमण ने देश की सीमा रेखा खींच दी। ऐसे हालात में रांची के युवाओं ने अनूठा पहल किया है। व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर कोरोना संक्रमित को ऑक्सीजन, बेड ही नहीं दवा और भोजन भी उपलब्ध करा रहा है। ये युवा कोरोना प्रभावित परिवार के लिए जहां फरिश्ते से कम नहीं हैं वही अन्य युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।
ग्रुप बनाकर लोगों की मदद का आइडिया ललित नारायण मिश्रा कॉलोनी डोरंडा कॉलेज में कम्प्यूटर शिक्षक अवधेश ठाकुर की है। अवधेश के अनुसार अकेले किसी की मदद करना संभव नहीं था। ऐसे में हिनू निवासी डोरंडा कॉलेज की ही डॉ सीमा सिंह एवं सामाजिक कार्यकर्ता पिस्का मोड़ निवासी नीतू सिंह, बजरा निवासी कुमुद झा, मधुकम आशुतोष सिंह के साथ सलाह से बीते 19 अप्रैल को 'हेल्पिंग रांची पीपल' नाम का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। ग्रुप में शहर के अलग-अलग इलाके में रहने वाले विभिन्न छात्र संगठन, सामाजिक व धार्मिक संगठन और राजनैतिक दल के स्थानीय कार्यकर्ता को जोड़ा। ग्रुप में 256 लोग शामिल हैं।
किसी कोरोना मरीज को बेड की आवश्यकता हो या दवा की ग्रुप में शेयर की जाती है। जो जिस इलाके के कार्यकर्ता हैं वो खुद सक्रिय हो जाते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। किसी प्रकार की मदद के लिए एक हेल्प लाइन नंबर 9234442290 जारी किया गया है। लोग इससे भी संपर्क करते हैं। अवधेश के अनुसार ग्रुप के माध्यम से दर्जनों लोगों को ऑक्सीजन सिलिंडर, दवा, भोजन आदि उपलब्ध कराये गए। वहीं, पांच-छह मरीजों को अस्पताल प्रबंधन से बात कर बेड उपलब्ध कराया गया।
केस स्टडी
19 अप्रैल
अरगोड़ा निवासी डीपीएस की शिक्षिका के परिवार में सभी कोरोना संक्रमित हैं। सबसे पहले पति संक्रमण के चपेट में आये। इसके बाद खुद शिक्षिका और फिर बच्चा। स्थिति ये हो गई कि दवा तक देने वाला कोई नहीं। इसकी सूचना मिलते ही एक सदस्य ने हेल्पिंग रांची पीपल ग्रुप में ये बातें साझा की। इसके कुछ देर बाद ही अरगोड़ा इलाके में रहने वाला एक युवक शिक्षिका के घर दवा पहुंचाया। फिलहाल शिक्षिका के परिवार वालों का इलाज चल रहा है।
20 अप्रैल
गिरीडीह के एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से हालात लगातार बदतर हो रही थी। इसी दौरान किसी ने रांची के युवाओं के विषय में बताया। फेसबुक से हेल्पलाइन नंबर लेकर काॅल किया। बातचीत के दूसरे दिन 21 अप्रैल को हेल्पिंग रांची पीपल के सदस्यों ने गिरिडीह निवासी को रिम्स में एडमिट करवाने में मदद की।
22 अप्रैल
कांके में रहने वाला एक परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो गया। घर में किसी की ऐसी हालात नहीं थी कोई खाना बनाये। हेल्पिंग ग्रुप के सदस्य के सदस्य को जैसे ही सूचना मिली संक्रमित परिवार के घर भोजन पहुंचाया। खाना लेने बाहर निकली घर की महिला ने बताया कि हमलोग काफी डरे हुए हैं। न तो खाना बनाने की सुध बची है और न ही कुछ और करने की। भोजन पैकेट पाते ही महिला के चेहरे खिल गए।