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रांची विवि में यूजी स्तर पर होगी योगा की पढ़ाई

रांची : रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि रांची विवि में फॉरेन

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 10:16 PM (IST)
रांची विवि में यूजी स्तर पर होगी योगा की पढ़ाई
रांची विवि में यूजी स्तर पर होगी योगा की पढ़ाई

रांची : रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि रांची विवि में फॉरेन लैंग्वेज विभाग व स्नातक स्तर पर योगा कोर्स शुरू किया जाएगा। विद्यार्थी नई भाषा सीखें इसके लिए प्रयास हो रहा है। कहा, सभी को नौकरी नहीं मिल सकती है। इसलिए ऐसे पाठ्यक्रम शुरू हो रहे हैं जिसमें विद्यार्थी स्वयं को स्थापित कर सकें। फाइन आर्ट व योगा विभाग इसी कड़ी का हिस्सा है। वे मंगलवार को कुलपति निवास में शुरू हुए पीजी योगा कोर्स के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। वीसी ने कहा कि हम अपने विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना चाहते हैं। इसीलिए फॉरेन लैंग्वेज सिखाने की बात कर रहे हैं। धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी ने किया। मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉ. पीके वर्मा, सीसीडीसी डॉ. जीएस शाहदेव, एनएसएस हेड डॉ. पीके झा, ¨हदी विभागाध्यक्ष डॉ. जेबी पांडेय, डीआर डॉ. मंगलेश्वर भगत, डॉ. बीबी राय, डॉ. मनोज सोनी, पीएन सिंह, छात्र नेता आशुतोष द्विवेदी, राजीव रंजन सहित अन्य मौजूद थे।

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स्वतंत्र विभाग के लिए सरकार को प्रस्ताव

वीसी प्रो. पांडेय ने कहा कि पीजी योगा कोर्स सेल्फ फाइनेंशिंग है। इसे स्वतंत्र विभाग करने के लिए सिंडिकेट व सीनेट से स्वीकृति के बाद राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। कहा, योगा का तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की योजना है। वीसी ने कहा कि विदेश में योग शिक्षक बनने के लिए डिग्री होना आवश्यक है। हमारे यहां योग के अच्छे शिक्षक तो हैं, लेकिन उनके पास डिग्री नहीं है। अब वे प्रशिक्षित होकर डिग्री ले सकेंगे। कहा, जब से योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है तब से विदेशों में ऐसे शिक्षकों की मांग बढ़ गई है। हमारे यहां प्रशिक्षित शिक्षकों की भारी कमी है। मंच संचालन करते हुए कोर्स को-आर्डिनेटर डॉ. आनंद ठाकुर ने कहा कि हमारी कोशिश योग को घर-घर तक पहुंचाने की है।

योग की पढ़ाई से रिसर्च की ओर बढ़ेंगे

प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि योग कोर्स शुरू होने के बाद हम रिसर्च की ओर भी बढ़ेंगे। कोशिश हो रही है कि कोर्स संचालन के लिए नया परिसर मिले जहां यह साइंटिफिक तरीके से चले। कहा, वह बेंगलूर के स्वामी विवेकानंद योग संस्थान गई थीं। वहां योग से मरीजों का इलाज भी होता है। हम भी इस दिशा में बढ़ेंगे। प्राकृतिक दृष्टिकोण से हमारा राज्य इसके लिए अनुकूल भी है।

योग से आता है अनुशासन

कोर्स निदेशक डॉ. टुल्लू सरकार ने कहा कि रांची विवि झारखंड का पहला विवि है जहां पीजी योग की पढ़ाई शुरू हुई है। योग हमारे संस्कार, संस्कृति व अनुशासन से जुड़ा है। हमारे भीतर के सकारात्मक गुण का विकास योग से होता है। इससे पहले विभाग के छात्रों ने सूर्य नमस्कार तथा योग के विभिन्न मुद्राओं की मनमोहक प्रस्तुति दी।


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