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Ranchi News: सात वर्ष के बच्चे को याद है 200 साल का कैलेंडर, रांची के विवान का कमाल

Jharkhand News झारखंड की राजधानी रांची शहर का एक ऐसा बच्चा जो पलक झपकते ही पिछले 200 वर्षों के किसी भी दिन या तारीख का वार बता देता है। ओएमजी लिम्का बुका आफ रिकार्ड में राष्ट्रीय स्तर पर सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Sanjay KumarPublished: Mon, 26 Sep 2022 01:30 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 02:23 PM (IST)
Ranchi News: सात वर्ष के बच्चे को याद है 200 साल का कैलेंडर, रांची के विवान का कमाल
Jharkhand News: 200 वर्षों के कैलेंडर के किसी भी दिन को चुटकियों में कहता है विवान।

रांची, [कुमार गौरव]। Jharkhand News यदि आपसे कोई 200 वर्ष पुराने किसी दिन या वार के बारे पूछे तो एक बार आप जरुर या तो कैलेंडर देखेंगे या फिर गुगल की मदद लेंगे। लेकिन झारखंड की राजधानी रांची शहर का एक ऐसा बच्चा जो पलक झपकते ही पिछले 200 वर्षों के किसी भी दिन या तारीख का वार बता देता है। लोग इस छोटे से बच्चे की प्रतिभा को देखकर हैरान हैं। रांची के पुंदाग निवासी बैंक कर्मी शंकर शर्मा और शिक्षिका अर्पणा शर्मा का पुत्र विवान शर्मा महज दो सेकेंड में किसी भी दिन का वार बता देता है। उनकी इस प्रतिभा की चर्चा शहर में है और सांसद संजय सेठ ने इस बच्चे को सम्मानित भी किया है। वहीं इससे पूर्व ओएमजी लिम्का बुक आफ रिकार्ड में राष्ट्रीय स्तर पर विवान को अवार्ड मिल चुका है।

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विवान सिर्फ साढ़े सात साल का है और वह डीएवी गांधीनगर में दूसरी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। स्वजन बताते हैं कि विवान जन्म से ही अदभुत प्रतिभा का धनी है। हालांकि जन्म से तीन साल तक विवान कुछ बोलता नहीं था। इस वजह से उनके माता पिता काफी परेशान भी रहते थे। जब स्कूल जाने की उम्र हुई तो शिक्षकों ने यह कहा कि वह कुछ बोल नहीं पाता है और एकांत में रहना पसंद करता है। इसके बाद उनके अभिभावक भी चिंतित हो उठे। उन्होंने बच्चे की स्थिति को देख डाक्टरी सलाह भी ली। बाद में धीरे धीरे वह बोलने लगा तो उसकी झुकाव गणित विषय की ओर अधिक था।

जो चीज गौर से देख ले तो हमेशा रहता है याद

विवान की मेमोरी पावर इतनी अधिक है कि एक बार यदि वह ध्यान से किसी भी चीज को देख ले तो उसे हमेशा के लिए वह याद हो जाता है। उनके पिता शंकर शर्मा ने बताया कि एक बार विवान उनके फेसबुक वाल पर पुरानी तस्वीरों को देख रहा था। जिसमें उनकी शादी की तस्वीरें व सैर सपाटे की तस्वीरें थी। उसे देखने के बाद करीब छह सात माह बाद एक दिन विवान पूरा विवरण अपने पिता को देने लगा जो कुछ भी उसने फेसबुक वाल पर देखी थी।

शंकर शर्मा बताते हैं कि शुरुआती दिनों उन्हें बच्चे की स्थिति देखकर काफी चिंता होती थी लेकिन जब वो बड़ा हुआ और किताबों का अध्ययन करने लगा तो वह घर के अन्य सदस्यों के साथ भी घुलने मिलने लगा। स्कूल के शिक्षक भी विवान को कुछ भी याद करने देते हैं तो वह बहुत आसानी से अपना होमवर्क पूरा कर लेता है। हालांकि गणित विषय में अधिक रुचि होने के कारण उनके माता पिता उस पर अतिरिक्त लोड नहीं देते हैं और इस बात का ख्याल रखते हैं कि अधिक समय तक वह एकांत में न रहे।

सांसद कर चुके हैं सम्मानित

विवान की प्रतिभा के कायल रांची सांसद संजय सेठ भी हैं। उन्होंने बच्चे से मिलकर आशीर्वाद दिया और उनकी मेमोरी पावर की चर्चा की। सांसद ने विवान की प्रतिभा को देखकर उन्हें सम्मानित भी किया है। शंकर शर्मा ने कहा कि जब वह पांच साल का था उस वक्त तक वह पिछले 75 वर्षों का कैलेंडर के बारे बताता था लेकिन फिलहाल वह 200 वर्षों तक कैलेंडर पलक झपकते ही बताता है। वह कैसे इतनी जल्दी किसी भी दिन का कैलकुलेशन करता है इसकी जानकारी उनके माता पिता को भी नहीं है।


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