Ranchi University: बिना स्टूडियो शुरू कर दिया गया फिल्म मेकिंग कोर्स... नामांकन के लिए नहीं आए बच्चे... कुलसचिव का ये है कहना
Ranchi University रांची विश्वविद्यालय ने बिना किसी तैयारी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अंतर्गत एमए इन फिल्म मेकिंग एवं प्रोडक्शन एवं एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरु कर दिया। नामांकन की घोषणा की गई लेकिन एक भी बच्चे ने अपना नामांकन नहीं कराया। इसपर कुलसचिव का क्या है कहना....
रांची, [नीलमणि चौधरी]। Ranchi University रांची विश्वविद्यालय ने मार्च 2022 में बिना किसी तैयारी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अंतर्गत एमए इन फिल्म मेकिंग एवं प्रोडक्शन एवं एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरु कर दिया। पांच मार्च को रांची के अखबारों में विज्ञापन प्रकाशन कर नामांकन की घोषणा की गई। 10 मार्च तक नामांकन के लिए फार्म भरने की तिथि सुनिश्चित की गई थी लेकिन विद्यार्थियों ने इस कोर्स में रूचि नहीं दिखाई। नामांकन की अवधि बीत गई लेकिन एक भी विद्यार्थियों ने अपना नामांकन नहीं कराया। विज्ञापन देखकर एक-दो विद्यार्थी पत्रकारिता विभाग पहुंची जरूर परंतु लौट कर वापस नहीं आये। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक्सपर्ट ट्रेनर को कांट्रेक्ट पर बहाल कर लिया। जून माह में ही रांची विवि से ही सेवानिवृत प्राध्यापक डा सुशील अंकन को 25 हजार प्रतिमाह के भुगतान पर ट्रेनर बहाल किया है। ट्रेनर का भुगतान पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को करना होगा।
विज्ञापन का प्रकाशन।
न स्टूडियो न बेहतर शिक्षक कैसे पढ़े छात्र
कोर्स शुरू करने में जल्दीबाजी दिखायी गई। फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन कोर्स के लिए जिस स्तर का स्टूडियो व विशेषज्ञ शिक्षकों की आवश्यकता होती है उसपर विवि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। न तो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टूडियो तैयार किए गए और नहीं शिक्षकों की व्यवस्था की गई। विवि प्रशासन की मंसा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के ही कामचलाऊ स्टूडियो से फिल्म मेकिंग का कोर्स कराने की योजना है। इस कारण विद्यार्थियों ने नामांकन में दिलचस्पी नहीं दिखायी।
आमदनी एक पैसा नहीं प्रतिसाल तीन लाख ट्रेनर को करना होगा भुगतान
एक भी छात्र फिल्म मेकिंग कोर्स में नामांकन नहीं लिया। इसके बावजूद पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग को प्रतिसाल तीन लाख का भगुतान करना पड़ेगा। जबकि इससे छात्र को कोई फायदा भी नहीं मिलेगा। वोकेशनल कोर्स संचालन विद्यार्थियों के शुल्क पर चलता है। शिक्षकों के वेतन भी छात्रों के पैसे पर ही होता है। विवि इसमें एक पैसा भी मदद नहीं करती है। ऐसे में पहले संसाधन का अभाव झेल रहा पत्रकारिता विभाग पर अनावश्यक खर्च बढ़ गया।
क्या कहते हैं कुलसचिव
रांची विवि के कुलसचिव डा एमसी मेहता का कहना है कि नामांकन के लिए विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन एक भी छात्र नामांकन नहीं लिए। ग्रेजुएशन के रिजल्ट के बाद फिर से नामांकन के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। कोशिश होगी कि छात्र रांची विवि से फिल्म मेकिंग कोर्स करें।