चालान काटने में खुद उलझ गई रांची ट्रैफिक पुलिस, नए सिस्टम से हैरान-परेशान हैं पुलिसवाले
Jharkhand Police नए मशीन में ऑन स्पॉट चालान भुगतान करने की सुविधा दी गई है। इसमें डेबिट कार्ड के जरिए लोग ऑन स्पॉट भुगतान कर सकेंगे। लेकिन इसका इस्तेमाल करने में रांची पुलिस सक्षम नजर नहीं आ रही है।
रांची, जासं। रांची की ट्रैफिक पुलिस चालान काटने में खुल उलझ गई है। उसे नए सिस्टम में काम करना पड़ रहा है और उसकी परेशानी का सबब बन गया है। रांची पुलिस अब नए फील्ड ट्रैफिक वायलेशन रिकॉर्डर (एफटीवीआर) से चालान काट रही है। रांची के सभी ट्रैफिक पोस्ट पर नया एफटीवीआर दे दिया गया है। इस एफटीवीआर में ऑन स्पॉट पेमेंट करने की भी सुविधा है। इस एफटीवीआर में पॉश मशीन जैसी सुविधा भी मर्ज है। हालांकि यह मशीन ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
ट्रैफिक पुलिसकर्मी इसका इस्तेमाल कर पाने में सक्षम नजर नहीं आ रहे हैं। कभी इंटरनेट की समस्या से तो कभी इसके फीचर से ट्रैफिक पुलिसकर्मी परेशान हो रहे हैं। नतीजा है कि इस नए एफटीवीआर मशीन का इस्तेमाल ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। हालांकि इसे उपलब्ध करवाने से पहले पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई थी। लेकिन यह ट्रेनिंग नाकाफी रह गई।
इंटरनेट की समस्या भी कर रहा परेशान
नए एफटीवीआर मशीन के लिए इंटरनेट की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए फोर जी सिम दिया गया है। हालांकि इसका इस्तेमाल करने में इंटरनेट बाधक बन रहा है। कभी इंटरनेट कनेक्शन ठीक नहीं रहता, तो कभी स्लो चलता है। इससे ऑन स्पॉट चालान का भुगतान करने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऑन स्पॉट चालान और नए फीचर के लिए दिया गया था मशीन
पहले की एफटीवीआर मशीन के जरिए केवल चालान काटा जा रहा था। उस एफटीवीआर मशीन में ऑन स्पॉट भुगतान की सुविधा नहीं थी। लेकिन नए मशीन में ऑन स्पॉट चालान का भुगतान करने की सुविधा दी गई है। इसमें डेबिट कार्ड के जरिए लोग ऑन स्पॉट भुगतान कर सकेंगे। इसके साथ ही एफटीवीआर मशीन परिवहन विभाग से जुड़ी साइट के लिंक से भी जुड़ा हुआ है। इसमें वाहन का नंबर डालते ही संबंधित विवरण के साथ चालान जनरेट हो जाता है। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से संबंधित सभी सेक्शन और उसके सबसेक्शन भी मशीन में ही उपलब्ध हैं। हालांकि इसका ठीक ढंग से उपयोग नहीं हो पाने की वजह से पुलिसकर्मियों को परेशान होना पड़ रहा है।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया था ट्रायल
इस नए एफटीवीआर मशीन का ट्रायल 6 ट्रैफिक पोस्ट पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया था। ट्रायल के दौरान यह सफल पाया गया था। पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों को इसे संचालित करने की ट्रेनिंग भी दी गई थी। हालांकि ट्रायल के बाद इसके फाइनल इस्तेमाल के दौरान यह सफल साबित नहीं हुआ।