राष्ट्रीय सेमिनार में डॉ प्रभात रंजन ने कहा, रांची से दिल्ली 40 मिनट में जाना होगा संभव
चंद्रयान से जुड़े वैज्ञानिक सह डीवाई पाटिल अंतरराष्ट्रीय विवि पुणे के प्रभात रंजन ने कहा कि 40 मिनट में रांची से द्लि्ली जाना संभव है।
जागरण संवाददाता, रांची : चंद्रयान से जुड़े वैज्ञानिक सह डीवाई पाटिल अंतरराष्ट्रीय विवि पुणे के कुलपति प्रो. प्रभात रंजन ने कहा कि हमारा देश विज्ञान व तकनीक के रास्ते ही आगे बढ़ेगा। विकसित भारत के लिए हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, ऊर्जा, कृषि, परिवहन आदि प्रमुख क्षेत्रों में विज्ञान व तकनीक के सहयोग से आगे बढ़ना होगा। वे सोमवार को रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में आरयू के पीजी फिजिक्स व इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (आइएपीटी) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे। इसका विषय इनोवेशन एंड एक्सीलेंस इन फिजिक्स टीचिंग एंड रिसर्च था। डॉ. प्रभात ने अपनी पुस्तक टेक्नोलॉजी विजन-2035 के बारे में कहा कि इसमें प्रत्येक क्षेत्र के विकास का रोडमैप है। कहा, परिवहन में जिस हाइपरलूप तकनीक पर काम हो रहा है इससे पुणे से मुंबई 20 मिनट और रांची से नई दिल्ली 40 मिनट में जाना संभव होगा। ब्रेन मैपिंग, मेडिकल के एडवास ट्रीटमेंट, टार्गेटेड मेडिसिन ट्रीटमेंट के साथ भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी होगा। अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. आशालता सिन्हा ने किया। संचालन प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार व धन्यवाद ज्ञापन आयोजक सचिव डॉ. राजकुमार ने किया। मौके पर पूर्व वीसी डॉ. एए खान, आइएपीटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. एचसी प्रधान, डॉ. बीपी त्यागी, डॉ. जेएन प्रसाद, डॉ पीके वर्मा, डॉ. अमर कुमार चौधरी, डॉ एनआर रॉय, प्रो. अशोक चौधरी, डॉ एससी गुप्ता, डॉ मीना सहाय, डॉ नामिता सिंह, डॉ नीरज कुमार, डॉ नवीन कुमार सिंह, डॉ. एस एन तिवारी, डॉ जटाधर दुबे, डॉ. ब्रजेश, डॉ. आनंद ठाकुर सहित अन्य थे। लर्निग बाई डूइंग से समझें फिजिक्स को
प्रो. प्रभात रंजन ने कहा कि फिजिक्स को लर्निग बाई डूइंग से समझें। शिक्षक बच्चों को बताएं कि समाज में फिजिक्स का रोल क्या है। इसे समाज से जोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि मार्च 2019 में चंद्रयान-2 को भेजे जाने की संभावना है। विज्ञान व तकनीक भौतिकी पर निर्भर : पांडेय
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रांची विवि के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि आज विज्ञान एवं तकनीकी भौतिकी पर निर्भर है। ऐसे संगोष्ठी से छात्रों व शिक्षकों को लाभ मिलता है। आइएपीटी के महासचिव प्रो. बी चक्रवर्ती ने कहा कि आइएपीटी का मुख्य उद्देश्य भौतिकी के शिक्षकों को प्रशिक्षित कर इसे आसान बनाना है। कार्यक्रम में पत्रिका प्रगामी तरंग एवं सोवेनियर का लोकार्पण किया गया। शिक्षकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम जरुरी : प्रो. एचसी वर्मा
प्रो. एचसी वर्मा ने कहा कि भौतिकी के शिक्षक खुद से पूछें कि उन्हें शिक्षण से आनंद मिल रहा है? फिजिक्स की ब्यूटी को जानना होगा। शिक्षकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम की जरूरत है। साथ ही ट्रेनिंग वही दे जो खुद फिजिक्स में जीता हो। बच्चे स्कूल-कॉलेज के लेक्चर के अलावा भी देखें कि बाहर क्या हो रहा है। उन्होंने बताया कि स्पेशल थ्योरी आफ रिलेटिविटी कोर्स ¨हदी में ऑनलाइन उपलब्ध है। इसमें 24 लेक्चर हैं। ऑनलाइन एग्जाम के बाद सर्टिफिकेट भी मिलेगा। इस नि:शुल्क कोर्स के लिए बीएससी के विद्यार्थी वेबसाइट-बीएससी.एचसीवर्मा.इन पर जाएं। इन्हें मिला गोल्ड मेडल
नेशनल ग्रेजुएट फिजिक्स एग्जामिनेशन-2018 के पांच टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिया गया। इनमें दिल्ली से अंकित, हरियाणा से किरण, पंजाब से लोविश गुलाटी, रुड़की से विरज हिरेन, हावड़ा से अभिरुप मुखर्जी व कोलकाता से दिव्येंदू शामिल हैं। इसके अलवा आइएपीटी-डीएसएम (दीनबंधु साहू) अवार्ड कन्या महाविद्यालय जालंधर से डॉ. नीतू चोपड़ा व आइआइटी पटना के डॉ. मनोरंजन कर को दिया गया।