GoAir flight की इमरजेंसी लैंडिंग, बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर वापस लौटा विमान
रांची से बेंगलुरु जा रहे गो एयरवेज के विमान में शनिवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब विमान के उड़ान भरते ही आठ माह की एक बच्ची की तबीयत बिगडऩे लगी।
रांची, जासं। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से बेंगलुरु जा रहे गो एयरवेज के विमान में शनिवार को उस समय अफरातफरी मच गई, जब विमान के उड़ान भरते ही आठ माह की एक बच्ची की तबीयत बिगडऩे लगी। आनन-फानन में विमान की वापस रांची में ही लैंडिंग कराई गई और इसके बाद अस्पताल तक के रास्ते में ट्रैफिक संचालन रोक ग्र्रीन कॉरिडोर बनाते हुए बच्ची को अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि इतना सबकुछ करने के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका।
- मासूम को बचाने वापस लौटा विमान, अफसोस ! नहीं बच सकी जान
- बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से बेंगलुरु के लिए विमान ने भरी थी उड़ान
- उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही बच्ची की तबीयत बिगड़ी तो विमान की रांची में अापात लैंडिंग
- एयरपोर्ट से एंबुलेंस ले जाने के लिए बनाया गया था ग्रीन कॉरिडोर
- रानी चिल्ड्रेन अस्पताल ले जाया गया बच्ची को, इलाज के दौरान बच्ची ने तोड़ दिया दम
गो एयरवेज के स्टेशन मैनेजर ने बताया कि विमान ने रांची से शनिवार अपराह्न 2:40 बजे बेंगलुरु के लिए उड़ान भरा था। 158 यात्रियों के साथ बोकारो के रहने वाले एक दंपती भी अपने आठ माह की बच्ची दीपा के साथ बेंगलुरु जाने के लिए विमान पर सवार थे। विमान के उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही बच्ची को दूध पिलाया गया। इसी क्रम में दूध किसी तरह श्वांस नली में चला गया और बच्ची दीपा को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। एयर हॉस्टेस के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क किया। फिर एसटीसी का निर्देश मिलते ही बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर विमान को लैैंड कराया गया। 3 बजकर 15 मिनट पर विमान को रांची एयरपोर्ट पर लैंड करा लिया गया था।
दो एंबुलेंस की कराई गई थी व्यवस्था
बच्ची को जल्द से जल्द हॉस्पीटल तक पहुंचाने के लिए दो एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बच्ची को गुरुनानक अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार कराने के बाद बच्चे को बेहतर चिकित्सा के लिए रानी चिल्ड्रेन अस्पताल भेजा गया, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही बच्ची की मौत हो गई।
कुछ महीने पहले ही बोकारो के दंपती ने बच्ची को लिया था गोद
बच्ची दीपा के पिता बोकारो निवासी अमित कुमार सिंह ने बताया कि दीपा को उन्होंने कुछ महीने पहले ही गोद लिया था। बच्ची की तबीयत अचानक कैसे बिगड़ी, कुछ समझ में नहीं आया। आनन-फानन में विमान के पायलट को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद दीपा की जान बचाने को विमान को वापस रांची एयरपोर्ट लाया गया। वहां से तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका।
बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने की सूचना मिलते ही पायलट ने विमान की लैंडिंग कराई। तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और बच्चे को बेहतर इलाज के लिए रानी चिल्ड्रेन अस्पताल भेजा गया। बच्चे को सांस लेने में परेशानी है या कोई बीमारी है, इसकी जानकारी परिजनों ने पहले से नहीं दी थी। विनोद शर्मा, निदेशक, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट अथॉरिटी।
कहते हैं चिकित्सक
बच्ची दीपा को सबसे पहले देखने वाले गुरुनानक अस्पताल के डॉ. मनोज का कहना है कि कुछ समय के लिए बच्ची का पल्स आया फिर धीरे-धीरे चला गया। हो सकता है कि बच्ची को पहले से न्यूमोनिया रहा हो। एक कारण यह भी हो सकता है कि बच्ची को जितना एयर प्रेशर मिलना चाहिए था, नहीं मिला।
जब विमान में होते हैैं आप तो इसका रखें ध्यान
उड़ान भरने से पानी पी लें
विमान के भीतर की कम आर्द्रता और नियंत्रित दबाव के कारण कभी कभी कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है। इससे बचने के लिए उड़ान भरने से पहले और विमान में भी खूब पानी पीएंं।
कुछ चबाने और खाने की चीज साथ रख लें
विमान के टेकऑफ करने और लैैंड करने के दौरान केबिन प्रेशर बदलता है। आपके कान पर पडऩेवाला प्रेशर बढऩे लगता है। ऐसे में कान में दर्द होता है। अगर ऐसा हो तो कुछ चबाना या खाना चाहिए। कुछ देर के लिए नाक बंद करने और मुंह खोलने से भी राहत मिलती है।
ऑक्सीजन की कमी महसूस हो तो सूचित करें
विमान में उड़ान के समय सबसे अधिक समस्या सांस लेने में होती है। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर सिर चकराना, सांस लेने में दिक्कत, एकाग्रता में कमी, जोड़ों में दर्द आदि होने लगता है। जैसे ही आप परेशानी महसूस करें तत्काल फ्लाइट अटेंडेंट को इसकी सूचना दें। इससे आपको ऑक्सीजन सप्लाई सामान्य रूप से मिलने लगेगी।
पैरों में सूजन से बचने के लिए अच्छे मौजे पहन लें
केबिन में लो प्रेशर के कारण लो ब्लड प्रेशर होना, पैरों में सूजन होने की परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसे मौजे पहनें जिनसे आपके पैरों में सूजन भी हो तो ज्यादा परेशानी न हो।
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